मीडिया से चर्चा में बोले राहुल गांधी।
इंदौर : भारत जोड़ो यात्रा लेकर निकले राहुल गांधी सोमवार को बड़ा गणपति से यात्रा शुरू कर बाणगंगा होते हुए सांवेर पहुंचे। रास्ते में उनका पड़ाव वैष्णव कॉलेज में रहा। यहां उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए सवालों के खुलकर जवाब दिए।
राहुल गांधी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मेरी इमेज खराब करने पर बीजेपी करोड़ों रूपए खर्च कर दिए पर इसने मेरी इमेज बना दी। मेरे लिए यह फायदेमंद रहा। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी बड़ी ताकत से लड़ रहे हों तो निजी हमले होंगे। मुझ पर इस तरह हमले हो रहे हैं तो मुझे लगता है कि मैं सही काम कर रहा हूं। लड़ाई जो आपके सामने खड़ा है, उसकी सोच को गहराई से समझने की है। मैं आरएसएस और बीजेपी की सोच को अच्छी तरह समझने लगा हूं।
सचिन – गहलोत में खींचतान का यात्रा पर प्रभाव नहीं।
राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मचे घमासान से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी का कहना था कि दोनों नेता हमारी पार्टी के एसेट हैं। मैं इसमें जाना नहीं चाहता कि किसने क्या कहा, लेकिन इस बात की गारंटी जरूर देना चाहता हूं कि इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं होगा।
जो पैसों से खरीदे गए, उनपर भरोसा नहीं।
जिन लोगों ने मप्र में कांग्रेस की सरकार गिराई, क्या उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं..? इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि इस बारे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मप्र कांग्रेस से सवाल किया जाना चाहिए। वैसे मेरा मानना है कि जो लोग पैसों से खरीदे गए हैं, उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
अमेठी से लड़ेंगे या नहीं, जवाब डेढ़ साल बाद।
ये पूछे जाने पर कि वे अमेठी से पुनः चुनाव लड़ना चाहेंगे या नहीं राहुल गांधी का कहना था कि ये सब भारत जोड़ो से ध्यान भटकाने वाली बातें हैं। वे अमेठी से लड़ेंगे या नहीं, इसका जवाब एक डेढ़ साल बाद मिलेगा।
तीन – चार उद्योगपतियों के हाथ सिमट गई है पूरी पूंजी।
राहुल गांधी का बेरोजगारी के सवाल पर कहना था कि देश के तीन – चार पूंजीपतियों के हाथ में सारा धन सिमट गया है। वे हर क्षेत्र में एकाधिकार जमा रहे हैं। इससे लघु व मध्यम उद्योगों की ग्रोथ रुक गई है। यही बेरोजगारी का बड़ा कारण है। जो इस देश की नींव हैं, जो किसान हैं, उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। खाद, बीज, बीमा कुछ नहीं मिल रहा है। आंख मूंदकर निजीकरण किया जा रहा है।
यात्रा के कई यादगार पल हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी यात्रा मैने पहले कभी नहीं की। शुरुआती कुछ दिनों के बाद मेरे घुटने और पैरों में दर्द होने लगा। डर लगा कि इतना चल पाऊंगा की नहीं। फिर डर धीरे – धीरे खत्म हो गया। अच्छा लगता है जिससे आप डर रहे थे, उसपर आपने विजय पा ली।
एक छोटी बच्ची का वाकया सुनाते हुए राहुल ने कहा कि यात्रा में एक छोटी सी लड़की आई, वो थोड़ा दूर चल रही थी, उसने एक चिट्ठी दी और कहा इसे आप बाद में पढ़ना। थोड़ी देर बाद चिट्ठी खोलकर पढ़ी तो उसमें लिखा था, आप ये मत सोचो कि अकेले चल रहे हों। मेरे माता – पिता आपके साथ चलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, फिर भी आप सोचो कि मैं आपके साथ चल रही हूं। ऐसे कई यादगार अनुभव यात्रा से जुड़े हैं।