डोर टू डोर कचरा संग्रहण, जीटीएस, देवगुराडिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड प्लांट का किया अवलोकन।
इंदौर के सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट को प्रेजेंटेशन के माध्यम से जाना।
इंदौर : स्वच्छता में छठवीं बार नंबर वन इंदौर शहर की स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को देखने के लिए देश के विभिन्न प्रदेश/शहरों के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी आ रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के अलीगढ, झांसी, वृंदावन, सहारनपुर, बरेली, फर्रूखाबाद, कुशीनगर, इटावा के निगमायुक्त साथ स्वच्छ भारत मिशन के प्रशासनिक अधिकारियों के 13 सदस्सीय दल ने इंदौर के सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के तहत शहर के विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया। इस अवसर पर अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल, अमित दुबे, एनजीओ के कैप्टन सनप्रीत सिंह, श्रीगोपाल जगताप व अन्य उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ के निगमायुक्त अमित केसरी, झांसी निगमायुक्त पुलकित गर्ग, मथुरा-वृंदावन निगमायुक्त अनुनय झा, सहारनपुर निगमायुक्त गजल भारद्वाज, बरेली निगमायुक्त निधी गुप्ता वत्स, फर्रूखाबाद अधिशासी अधिकारी रवींद्र कुमार, कुशीनगर अधिशासी अधिकारी अजयकुमार सिंह, इटावा के अधिशासी अधिकारी संजय पटेल, स्वच्छ भारत मिशन अलीगढ के अरविंद कुमार, स्वच्छ भारत मिशन मुरादाबाद के भरत वर्मा, स्वच्छ भारत मिशन आगरा के मंडल कार्यकम प्रबंधक धनंजय किशोर, सहारनपुर स्वच्छ भारत मिशन के मंडल कार्यक्रम प्रबंधक वैभव पाण्डेय, गोरखपुर स्वच्छ भारत मिशन मनका सिंह सहित 13 सदस्सीय दल द्वारा इंदौर के सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के तहत लोकमान्य नगर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण, 6 बिन सेेग्रिगेशन, गारबेज कचरा ट्रांसफर स्टेशन, देवगुराडिया ट्रेचिंग ग्राउण्ड स्थित 400 टीपीडी मेकेनाईज्ड एमआरएफ प्लांट, 550 टीपीडी बायो सीएनजी प्लांट, 100 टीपीडी सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, वेस्ट बायोमेडिटेशन साइट, सिटी बस आफिस स्थित आईसीसीसी कमांड सेंटर का अवलोकन किया गया।
बायो सीएनजी प्लांट के निरीक्षण के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को बायो सीएनजी प्लांट के एमडी दीपक अग्रवाल द्वारा प्लांट के संबंध में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा द्वारा प्रेजेटेशन के माध्यम से इंदौर के स्वच्छता अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए, बताया गया कि किस प्रकार से पूर्व में इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटिया हुआ करती थी। उनके आस-पास कचरे के ढेर लगे होते थे। इसके बाद इंदौर ने स्वच्छता अभियान के तहत इंदौर को कचरा पेटी से मुक्त करते हुए, शहर के चिन्हित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए, जिनका जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है, सभी कचरा संग्रहण वाहन अपने निर्धारित रूट व समय पर अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शहर को ओडीएफ मुक्त कैसे किया इसकी भी जानकारी दी गई।
पहले गीला-सुखा कचरा संग्रहित किया जाता था, अब हर दिन 6 बिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा संग्रहित किया जा रहा है। थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों से संग्रहित कचरे को गारबेज कचरा ट्रांसर्फर स्टेशन तक किस प्रकार से पहुंचाया जा रहा है, इस सेग्रिगेट कचरे को किस प्रकार से ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर डिसेंट्रलाइज मटेरियल रिकवरी प्लांट व ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेचिंग ग्राउण्ड में निर्माणधीन बायागैस प्लांट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह एशिया का सबसे बडा बायोगैस सीएनजी प्लांट है जहां पर गीले कचरे से बायोगैस का निर्माण किया जाकर उसे लोक परिवहन में उपयोग किया जा रहा है।