मूक- बधिर बच्चों ने जगाया राम और देशभक्ति का अलख।
इंदौर : केसरिया रंग के वस्त्र पहन कर” राम राम जय राजा राम” की धुन के साथ बालिकाओं ने जब जनता के बीच से नृत्य करते हुए मंच पर प्रवेश किया तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। मंच पर पहुंचकर ऋषिना नातू के निर्देशन में उनकी 10 शिष्याओं ने भरतनाट्यम शैली में राम वंदना “श्री रामचंद्र कृपालु भजमन” प्रस्तुत की। अंत में मशाल से दीप प्रज्वलन का एहसास कराते हुए राम वंदना को समाप्त किया। लंका विजय के लिए श्रीराम ने देवी महिषासुर मर्दिनी का आह्वान किया था, इसी के साथ नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए नौ देवियों के स्वरूप में अलग-अलग वेशभूषा में सज्जित देवियों के रूप यहां देखने को मिले। महिषासुर का वध करते हुए भी देवी दिखाई दी। इसमें विशेष बात यह है कि “आई गिरी नंदिनी नंदितमेविनी विश्व विनोदिनी” बोल पर नृत्य करने वाली 9 बालिकाएं व महिषासुर का रूप धरने वाले युवक, सभी डॉक्टर हैं। यही भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को दर्शाता है। त्र्यंबकम यजामहे की धुन पर अनुभूति विजन सेवा संस्थान के दृष्टिबाधित व मूक-बधिर बच्चों ने सुंदर नृत्य द्वारा सबका मन मोह लिया। देश भक्ति का रंग भी इन बच्चों ने मंच पर प्रस्तुत किया ।मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के दृष्टिबाधित बच्चों ने सामूहिक रूप से धार्मिक व देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी। कुल 6 बच्चे ड्रम, केसियो व गीत में शामिल थे। वही शक्ति दल के 10 से अधिक बच्चों ने दंड संचालन द्वारा बालिकाओं में आत्मविश्वास कैसे पैदा हो दिखाया ।इसमें योग्या राजोरिया के नेतृत्व में अखाड़ा परंपरा की कुछ नवीन रचनाएं पदमा रचना, चक्र रचना, भ्रमर ,द्वंद आदि का खूबसूरती से प्रदर्शन किया।
उपरोक्त जानकारी देते हुए सबके राम राम जन्म उत्सव समिति के महेंद्र चौहान एवं प्रवीणा अग्निहोत्री ने बताया कि मंगलवार को सुबह 10:00 बजे भगवान के चल विग्रहों का अभिषेक हवन पूजन किया गया। शाम 4:00 बजे से उत्सव मेला प्रारंभ हुआ जिसमें भीड़ भरा माहौल रहा। उत्सव मेले में मनोरंजन के लिए झूले व फूड जोन भी बनाए गए हैं। शाम के सत्र में भगवान गणेश, अंबे मां, राम जी ,शंकर जी एवं हनुमान जी की आरती की गई ।
6 अप्रैल को राम स्तुति का आयोजन होगा। लोक शैली में उत्सव मेले का प्रारंभ शाम 4:00 बजे से होगा।