रियल एस्टेट में ज्वाइंट डेवलपमेंट पर जीएसटी नहीं

  
Last Updated:  August 15, 2023 " 01:37 pm"

टीपीए और सीए शाखा इंदौर की संयुक्त कार्यशाला में वक्ताओं ने रखे विचार

इंदौर : कर्नाटक एडवांस रूलिंग के तहत हाल ही में यह कहा गया है कि हॉस्टल पर जीएसटी देय होगा। इसके अलावा रियल एस्टेट में ज्वाइंट डेवलपमेंट पर विभाग द्वारा कर की मांग की जा रही है। इन दोनों दशाओं में जीएसटी के प्रावधानों को लेकर टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सीए नवीन खंडेलवाल ने विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीएसटी कानून में दी गई एडवांस रूलिंग, एक अधिकारी द्वारा किसी करदाता के मामले में दिया गया एक ऐसा निर्णय है जो केवल उस अधिकारी एवं करदाता पर ही लागू होगा। अतः यह एक असेसमेंट ऑर्डर से अधिक अहमियत नहीं रखता।

उन्होंने बताया कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने फरवरी 2022 में एक मामले में यह स्पष्ट कर दिया है कि हॉस्टल रूम्स भी रेजिडेंशियल यूनिट ही होते हैं। चूंकि हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी या प्रशिक्षु का उद्देश्य रिहायशी ही होता है अतः हॉस्टल के किराए पर रिहायशी मकान का किराया मानते हुए छूट जारी रहेगी।

ज्वाइंट डेवलपमेंट विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भूमि स्वामी और डेवलपर दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से भूमि का विकास करने पर या रहवासी और व्यवसायिक बिल्डिंग बनाने पर उनके द्वारा ट्राई पार्टी एग्रीमेंट के तहत किसी तीसरे व्यक्ति को बेचा जाता है । अतः इसमें भू स्वामी एवम डेवलपर के बीच कोई सप्लाई नहीं होती। बल्कि यह कहा जा सकता है कि ये दोनो मिलकर क्रेता को सर्विस दे रहे हैं। ऐसे व्यवहार में भू स्वामी अपनी भूमि उस प्रॉजेक्ट में निवेशित करता है एवम डेवलपर उस भूमि पर डेवलपमेंट करता है। चूंकि ऐसे व्यवहार में क्रेता ही वास्तविक सर्विस प्राप्तकर्ता होता है, अतः भू स्वामी एवम डेवलपर के बीच के व्यवहार पर कोई जीएसटी नही लगेगा। ज्वाइंट डेवलपमेंट केवल किसी प्रोजेक्ट को साथ में करने और प्रॉफिट शेयर करने का एग्रीमेंट है।
उन्होंने यह भी कहा कि ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट बनाते समय बहुत सावधानी रखना चाहिए ताकि यह प्रतीत नही हो कि किसी एक पक्षकार द्वारा दूसरे व्यक्ति को कोई सेवा दी जा रही है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि भूमि विकास या रहवासी और व्यवसायिक बिल्डिंग के निर्माण को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिसके लिए सरकार द्वारा अतिशीघ्र स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन सीजीएसटी सचिव कृष्ण गर्ग ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव अमितेश जैन द्वारा ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में आरएस गोयल, मनीष डाफरिया, उमेश गोयल, राजीव सक्सेना, अजय सामरिया, पंकज सेठी, स्वप्निल जैन सहित बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार और एडवोकेट उपस्थित थे।

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