इंदौर : लोकायुक्त पुलिस के ट्रैप में फंसे एमआईजी थाने के दो पुलिसकर्मियों और उनको संरक्षण देने वाले एसआई को पुलिस आयुक्त ने निलंबित कर दिया है। टीआई को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब तलब किया गया है।
ये था पूरा मामला।
दरअसल, एमआईजी थाने के पुलिसकर्मी श्याम जाट और नीरेंद्र दांगी एम आर 9 निवासी ऑटो डील व्यवसाई कमल टेटवाल को हेराफेरी के आरोप में थाने ले आए। जब ऑटो व्यवसाई की पत्नी थाने पहुंची तो दोनों पुलिसकर्मियों ने उसकी रिहाई के बदले 40 हजार रुपयों की मांग की। पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए देना तय हुआ। इसके बाद ऑटो डील व्यवसाई की पत्नी लोकायुक्त पुलिस के पास पहुंची और उन्हें समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया। लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाकर ऑटो डील व्यवसाई की पत्नी को 15 हजार रुपए के साथ दोनों पुलिसकर्मियों के पास भेजा। पुलिसकर्मी जाट और दांगी शातिर निकले। वो महिला को थाने के पास स्थित गली में ले गए और उसके हाथों से गाड़ी की डिक्की में रिश्वत के रूपए रखवाकर फरार हो गए। हालांकि लोकायुक्त की टीम ने सीसीटीवी फुटेज सहित तमाम सबूत जुटाकर जमा कर दोनों रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया।
हुआ निलंबन, होगी विभागीय जांच।
पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र तक जब यह मामला पहुंचा तो उन्होंने दोनों सिपाहियों श्याम जाट व नीरेंद्र दांगी को निलबित कर दिया। दोनों को संरक्षण देने वाले एसआई राम शाक्य पर भी निलंबन की गाज गिरी। बताया जाता है कि तीनों की रिश्वतखोरी की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। टीआई कमल वर्मा को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। पुलिस आयुक्त श्री मिश्र ने इस मामले में विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।