इंदौर : स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला लगातार जारी है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने लता दीदी के अवसान पर गहरा दु:ख जताया है। उन्होंने कहा कि लताजी के जाने से भारत माता ने अपनी प्रिय बेटी को खो दिया है। लताजी के कंठ में माँ सरस्वती का वास था। उनके निधन से माँ भारती के कण्ठ का बहुमूल्य रत्न खो गया है। मंत्री सिलावट ने कहा कि देश- विदेश में लाड़ली, लताजी का जन्म इंदौर में होना हम सबके लिए गर्व का विषय है। उनके सम्मान में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लब्ध प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया जाता है।
सुरों की महादेवी को सौ- सौ प्रणाम।
आईएमए, इंदौर के पदाधिकारी रहे डॉ. संजय लोंढे ने लता दीदी को सुरों की महादेवी बताते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा लताजी का स्थूल शरीर तो विलीन हो गया, लेकिन पंचवायु, पंचकोष, पंचज्ञानेन्द्रियाँ, मन, बुद्धि, से मिलजुलकर बना सूक्ष्म शरीर सदियों तक विश्व की वादियो में गुंजायमान रहेंगा।
जिन्होंने प्रदीप्त की भांति गीतों को प्रज्ज्वलित करते हुए स्वयं को स्थापित किया, उनके द्वारा प्रणित पदचिन्ह भारत भूमि की संस्कृति को आगे बढाते रहेंगे। हजारों में एक सुरों की महादेवी लता दीदी को सौ- सौ प्रणाम।
अपनी आवाज के जरिए सदियों तक अमर रहेगी लताजी।
सर्वधर्म संघ, इंदौर के अध्यक्ष मंजूर बेग ने लता दीदी के अनंत में लीन होने पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे अपने गानों और सुमधुर आवाज़ के साथ हम सबके दिल में हमेशा ज़िंदा रहेगी। ऐसी शख्सियतें कभी मरा नही करती, वे सदियों तक अजर अमर रहती हैं। ईश्वर उन्हें अपने कदमो में स्थान दे व दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।