सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपतियों से भारत की राष्ट्रपति मुर्मू ने की चर्चा

  
Last Updated:  January 11, 2023 " 12:36 am"

द्विपक्षीय संबंधों और आपसी सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर।

इंदौर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर में 17 वे प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी से और गुयाना के राष्ट्रपति मो. इरफान अली से मुलाकात की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने सूरीनाम के राष्ट्रपति संतोखी और उनके शिष्टमंडल का स्वागत किया।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में सूरीनाम की भागीदारी देखकर प्रसन्नता हो रही है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय समुदाय ने भारत छोड़ने के 150 साल बाद भी सूरीनाम में अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सूरीनाम जून 2023 में भारतीयों के आगमन की 150 वीं वर्षगांठ मना रहा है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने सूरीनाम में आयोजित समारोह की सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि भारत से इतनी बड़ी भौगोलिक दूरी के बाद भी सूरीनाम में व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत और सूरीनाम के बीच सहयोग निरन्तर बढ़ रहा है। नियमित उच्च स्तरीय यात्राएं हमारे संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान कर प्रगाढ़ कर रही हैं। उन्होंने तकनीकि सहयोग बढ़ाने और सूरीनाम में क्षमता निर्माण व कौशल विकास में योगदान के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें पारस्परिक व्यापार के विस्तार के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
भारत और सूरीनाम के राष्ट्रपति के बीच हुई द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और संस्कृति में सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की।

गुयाना के राष्ट्रपति भी की चर्चा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में सहकारी गणराज्य गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली से भी रू-ब-रू मुलाकात की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. अली को 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में पाकर प्रसन्नता हुई हैं।राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत और गुयाना भौगोलिक रूप से चाहे दूर हो फिर भी दोनों में औपनिवेशिक अतीत और बहुसांस्कृतिक समाज की विशेषताएं एक जैसी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय गुयाना और भारत के बीच मित्रता की स्थायी कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं। भारत और गुयाना के बीच व्यापार भी संवर्धित हुआ है। गुयाना में तेल और गैस की हाल की प्रमुख खोजों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गुयाना और भारत के बीच सहयोग में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास संपूर्ण तेल और गैस मूल्य श्रृंखला में अपेक्षित अनुभव और विशेषज्ञता है।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत, गुयाना के साथ अपनी विकासात्मक साझेदारी को और सुदृढ़ करने का इच्छुक है। भारत को अपनी क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सहयोग को गहरा करने में भी खुशी होगी। राष्ट्रपति ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय निकायों में भारत की उम्मीदवारी और वैश्विक मुद्दों पर भारत की प्राथमिकताओं को लगातार समर्थन देने के लिए गुयाना सरकार की सराहना की।

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