- हेमंत शर्मा *
इंदौर : सराफा बाजार में सोना चांदी जवाहरात में लगातार दो साल से व्यापारी नुकसान झेल रहे हैं। 2020 के लॉक डाउन में जहां सराफा व्यापार में लगभग 250 करोड का तो इस साल 2021 में सराफा कारोबार 300 करोड की मार झेल चुका है। अभी भी व्यापार पटरी पर नहीं आ पाया है। हालात ये है कि सराफा कारोबार शुरू होने के बाद अब लोग सोना बेचने ज्यादा और खरीदने कम आ रहे हैं ।
लॉकडाउन में लोगों की बिगड़ी माली हालत।
सराफा व्यापारी एसोसिएशन के सचिव के अनुसार लॉकडाउन खुलने के बाद 65 प्रतिशत लोग जेवरात बेचने आ रहे हैं। केवल 35 प्रतिशत लोग ही सोना चांदी खरीदने सराफा आ रहे हैं। देखा जाए तो लॉकडाउन ने लोगों की आर्थिक हालत को कमजोर कर दिया है। इसका असर सराफा कारोबार पर पड़ रहा है।
खरीदारी कमजोर।
लॉक डाउन के बाद अब भी सराफा का व्यापार पटरी पर नहीं आ पा रहा है । हालाकि अब रुके हुए ग्राहक आने लगे है लेकिन ज्यादातर मध्यम वर्ग और निचले वर्ग के लोग सोना बेचने या गिरवी रख पैसे लेने आ रहे हैं। मनी क्राईसेस के कारण बाजार में 60 से 65 प्रतिशत लोग सिर्फ रकम बेचने आ रहे हैं।
50 हजार सोना और 71,500 चांदी।
सोने का भाव 50,000 तक पहुंच गया तो चांदी तेज में 71 500 के भाव हैं। लॉक डाउन के दौरान चांदी का भाव 65 हजार तक गया था। उसमें फिर तेजी आई है। सोने का भाव लॉक डाउन में 47,500 तक गया था ।
आॅफर भी नहीं।
ग्राहको को जोडने के लिए बडे ज्वेलर्स हमेशा आॅफर लाते रहते थे लेकिन दो सालों से नुकसान झेल रहे व्यापारी अब कोई आॅफर देने के स्थिति में भी नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि क्राइसिस में केवल ग्राहक हीं नहीं व्यापारी भी हैं।
300 करोड़ का नुकसान।
इंदौर चांदी सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिशन के सचिव अविनाश शास्त्री ने बताया कि सराफा व्यापार में इस बार 300 करोड का नुकसान हुआ है। पिछले साल भी लगभग 250 करोड की मार सराफा व्यापार ने झेली है शादी ब्याह , लग्नसरा में व्यापारियों को उम्मीद रहती है ग्राहकी की, पर दो साल से कोरोना मार्च अप्रेल मई जून में आया। यहीं वक्त शादियों का सीजन होता है । ऐसे में गोल्ड का विक्रय नहीं हुआ। दो साल से लगातार नुकसान ही झेलना पड़ा है। व्यपारियों के अनुसार अप्रेल मई में सामुहिक विवाह होते थे तो बल्क में पायजेब ,बिछुडी देने लेने के आयटम भी खुब बिकते थे। इस बार उसकी ग्राहकी भी नहीं रही।
केवल तेजी मद्दी होती रही।
गोल्ड ब्रोकर अंकुर जैन ने बताया कि लॉक डाउन के कारण व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। व्यापार एक तरह से जीरो था केवल एमसी एक्स पर तेजी- मद्दी होती रही।पर कैडबरी में काम पुरा नील था क्योंकि ग्राहकी नहीं थी। दुकानें बंद थी। सरकार द्वारा इंटरनेश्नल भाव आते है वहीं चल रहे थे। बाकी तो व्यापार सब बंद हीं था ।
(इस खबर के लेखक हेमंत शर्मा वरिष्ठ पत्रकार और इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव हैं )