मालवा उत्सव खत्म होने के बाद लालबाग परिसर में छोड़ गए कचरे व गंदगी के ढेर।
बाहर से आने वाले पर्यटकों ने बदबू मार रहे कचरे व गंदगी को देखकर इंदौर की स्वच्छता पर उठाए सवाल।
गंदगी के वीडियो वायरल होने से इंदौर की हुई बदनामी।
इंदौर : लोक संस्कृति के संरक्षण के दावे करने वाले सांसद लालवानी और उनके पट्ठों ने शहर की स्वच्छता पर दाग लगा दिया। लालबाग परिसर में पसरी गंदगी ने बाहर से आने वाले पर्यटकों के मन में अंकित स्वच्छ इंदौर की छवि को तार – तार कर दिया।
दरअसल, सांसद लालवानी ने अपनी जेबी संस्था लोक संस्कृति मंच के बैनर तले लालबाग परिसर में बीती 12 से 18 जून तक मालवा उत्सव का आयोजन किया था। उत्सव तो निपट गया पर आयोजक लोक संस्कृति मंच ने सारा कचरा और गंदगी साफ करवाने की जहमत नहीं उठाई। सांसद लालवानी ने भी अपने पट्ठों से नहीं कहा कि वे आयोजन के बाद पसरी गंदगी और कचरे को उठवाने का इंतजाम करें। कचरा और गंदगी वहीं पड़ी रही। इस बीच बारिश हो गई और कचरा बदबू मारने लगा। ऐतिहासिक धरोहर लालबाग पैलेस देखने पहुंचे पर्यटकों ने जब इस ऐतिहासिक धरोहर के परिसर को गंदगी से पटा देखा तो दंग रह गए। बदबू इतनी ज्यादा थी की उन्हें नाक पर रूमाल रखना पड़ा। ये बदहाली देखकर शहर की स्वच्छता प्रति उनके विचार बदल गए। सोशल मीडिया पर उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और शहर के स्वच्छता में नंबर वन होने पर सवाल खड़े कर दिए।
सोशल मीडिया पर लालबाग में पसरी गंदगी व कचरे के वीडियो जब वायरल हो गए तो शहर के बाशिंदों में गुस्सा व्याप्त हो गया और उन्होंने सांसद लालवानी व उनके संगी साथियों के प्रति गहरा आक्रोश जताया। लोगों का कहना था कि जब चुने हुए जनप्रतिनिधि ही शहर की स्वच्छता को बर्बाद करने पर तुलें हों तो आम आदमी से क्या उम्मीद की जा सकती है।
21 हजार रुपए का किया जुर्माना।
लोक संस्कृति मंच के कर्ताधर्ताओं की लापरवाही से इंदौर की बदनामी होते देख जागे निगम प्रशासन ने संस्था पर 21 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया और लालबाग परिसर की सफाई के लिए टीम तैनात की। हैरत की बात तो यह थी की मालवा उत्सव के नाम पर लाखों रुपए चंदा बटोरने वाले लोक संस्कृति मंच ने नगर निगम को स्वच्छता शुल्क भी नहीं चुकाया।
फजीहत होते देख सांसद लालवानी ने दिल्ली से बयान जारी कर अपनी सफाई पेश की, हालांकि जो नुकसान होना था, हो चुका था।
विवादों में रहा मालवा उत्सव..!
बता दें कि लोक संस्कृति मंच द्वारा आयोजित मालवा उत्सव विवादों से भी घिरा रहा। मेले में एक ऐसी कंपनी को स्टॉल लगाने की अनुमति दे दी गई जो बिना किसी अनुमतियों के लोगों को प्लॉट बेच रही थी। जिला प्रशासन को सूचना मिलने पर उसने मेले में लगे उक्त स्टॉल को बंद करवाया।यही नहीं वाहन पार्किंग को लेकर मनमानी वसूली पर भी लोगों ने ऐतराज जताया था।