विधानसभा चुनाव और विजयवर्गीय को हल्के में मत लेना

  
Last Updated:  August 3, 2023 " 12:13 am"

🔹चुनावी चटखारे/कीर्ति राणा🔹

मप्र में इंदौर से चुनावी शंखनाद कर के गृहमंत्री अमित शाह फिर से आने के लिए वापस चले गए हैं।लेकिन इंदौर यात्रा में मैसेज तो दे ही गए हैं कि मालवा-निमाड़ में विधानसभा चुनाव को और न ही विजयवर्गीय को हल्के में मत लेना। सही भी है 2018 के विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड़ की सीटों को हल्के में नहीं लिया होता तो सिंधिया को भाजपा में इतनी तवज्जो भी नहीं मिल पाती।

कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला की मंडली ने 72 घंटे से भी कम समय में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारियों को अंजाम देकर पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को यह विश्वास दिला दिया है कि इस तरह की चुनौतियों से निपटना सहज बात है।जन-धन-बल में हर तरह से सम्पन्न यह मंडली एक तो क्या हर संभाग में ऐसे सम्मेलन कराने के साथ ही पांच-पच्चीस प्रत्याशियों को अपने खर्चे पर चुनाव लड़वाने की ताकत भी रखती है।कथा-भजन-भंडारे में माहिर मंडली की इस प्रतिभा को अमित शाह ने तो पहली बार ही परखा है।

मुख्यमंत्री और उनके सलाहकारों को जिन नेताओं के कारण अपनी कुर्सी खींच लिए जाने का अज्ञात भय सताता रहा है, उस लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय का नाम अमिट रहा है। अमित शाह की इस इंदौर यात्रा ने तो विजयवर्गीय के उज्जवल भविष्य की पटकथा लिख डाली है-बशर्ते मालवा और निमाड़ में भाजपा 2013 जैसा इतिहास रच डाले, तब इन दोनों क्षेत्रों की 66 सीटों में से भाजपा ने 57 सीटें हांसिल की थी और कांग्रेस मात्र 7 सीटों पर सिमट गई थी। शाह के दौरे से तो मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भाजपा के आक्रामक अभियान की शुरुआत हुई है, चुनाव तक तो यह तूफानी हो जाएगा।यदि भाजपा मालवा-निमाड़ में 2013 वाला चुनाव परिणाम दोहरा देती है तो पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत द्वारा 2018 में इस क्षेत्र में मिली कम सीटों को लेकर विजयवर्गीय पर निरंतर लगाए जाते रहे आरोप भी स्वत: धुल जाएंगे।

आशा भी खुश, उषा भी खुश।

आशा और उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2 हजार से बढ़ा कर मुख्यमंत्री ने तीन गुना कर दिया है। इन्हें उम्मीद थी कि 10 हजार कर देंगे लेकिन 6 हजार मानदेय भी कम नहीं होता।बड़ी बात यह कि इनकी सेवानिवृत्ति भी अब 62 साल कर दी गई है।इन 80 हजार कार्यकर्ताओं को अब आकस्मिक अवकाश भी मिलेगा, पहले अवकाश का पैसा कट जाता था। इन आशा-उषा की तरह पुलिसकर्मी भी साप्ताहिक अवकाश सुविधा देने की घोषणा से खुश ही हैं।

अब सागर में प्रधानमंत्री हवाई पट्टी पर सभा का इतिहास बनाएंगे।

हाइवे पर अब युद्धक विमान तो उतरते रहते हैं, लेकिन अब हवाई पट्टी पर सभा का इतिहास भी बन जाएगा। मौसम मेहरबान रहा तो 12 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी सागर आएंगे। बड़तूमा में सौ करोड़ की लागत से बन रहे संत रविदास मंदिर की आधार शिला रखने के लिए।पहले उनकी सभा भी इसी गांव में होना थी लेकिन अब उनकी सभा, मंदिर का शिलान्यास सागर में ढाना हवाई पट्टी पर होगा। वजह यह कि बड़तूमा गांव में बारिश के बाद काली मिट्टी से सर्वत्र कीचड़ हो गया है।यहां हेलीपेड बना पाना संभव नहीं।हालत यह हो गई है कि सभास्थल का मुआयना करने गए अधिकारियों के वाहनों के पहिये भी धस गए थे, धक्का परेड से गाड़ियां तो निकाल ली लेकिन समारोह से पहले यदि बारिश हुई तो हालत और बिगड़ जाएगी, इसलिए हवाई पट्टी पर ही सभा तय की गई है।इंदौर सहित अन्य बड़े शहरों में स्टेडियम में सभा-सम्मेलन जैसे आयोजन होने पर लंबे समय तक स्टेडियम में सुधार कार्य न होने से खिलाड़ी परेशान होते रहते हैं, हवाई पट्टी पर सभा सम्पन्न होने के बाद एयर स्ट्रीप जल्दी दुरुस्त नहीं भी हुई तो यहां रोज तो विमान उतरते नहीं हैं।

तो सांसद गुप्ता को मैसेज मिल गया।

मंदसौर से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता के लिए तो यह अघोषित मैसेज जैसा ही है। भाजपा की राष्ट्रीय समिति में अब गुप्ता सह कोषाध्यक्ष नहीं है। प्रदेश के अन्य तीन नेता यथावत पदाधिकारी हैं विजयवर्गीय लगातार चौथी बार राष्ट्रीय महासचिव बने रहने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। राष्ट्रीय सचिव ओपी धुर्वे और उपाध्यक्ष पद पर सौदान सिंह दूसरी बार इन्हीं पदों पर हैं।तो सांसद गुप्ता अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे या उन्हें इसी साल विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा।

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