किराया ज्यादा होने और इंटरसिटी से टाइमिंग मैच होने से कम रहा रिस्पॉन्स।
रेलवे पीआरओ मीणा का जवाब
लग्जरी श्रेणी की ट्रेन है वंदे भारत।
हवाई जहाज जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं इस ट्रेन में।
सुविधाओं के अनुरूप रखा गया है किराया।
इंदौर – भोपाल के बीच केवल उज्जैन में ही ठहराव होने से समय की भी होगी बचत।
आनेवाले समय में बढ़ेगा यात्रियों का रुझान।
इंदौर : एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित की गई भोपाल – इंदौर – भोपाल वंदे भारत ट्रेन की जिस जोश – खरोश के साथ अगवानी की गई थी, उससे ऐसा लग रहा था की ट्रेन को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा पर बुधवार को इसके पहले फेरे में अपेक्षा से बहुत कम यात्रियों ने सफर किया।
पहले दिन इंदौर से 109 यात्रियों ने किया सफर।
बुधवार 28 जून से इंदौर – भोपाल वंदे भारत ट्रेन का नियमित संचालन शुरू हो गया। रविवार छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलने वाली इस ट्रेन को पहले दिन बहुत कम यात्री मिले। सुबह साढ़े छह बजे रवाना हुई इस ट्रेन में इंदौर से कुल 109 यात्री सवार होकर भोपाल गए। इनमें 103 इकोनॉमी क्लास में और 06 यात्री एक्जीक्यूटिव क्लास के थे।
आने वाले दिनों में बढ़ेगी यात्रियों की संख्या।
पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि एक दिन पहले ही वंदे भारत ट्रेन की बुकिंग शुरू हुई , इसके चलते पहले दिन यात्रियों की संख्या कम रही, पर उनका मानना था कि आने वाले दिनों में इस ट्रेन को बेहतर रिस्पॉन्स मिलेगा।
कुल 530 सीटें हैं वंदे भारत में।
पीआरओ मीणा ने बताया कि इंदौर – भोपाल वंदे भारत ट्रेन में कुल आठ कोच हैं। इनमें एक एक्जीक्यूटिव और सात इकोनॉमी कोच हैं। एक्जीक्यूटिव कोच में कुल 52 सीटें हैं, जबकि इकोनॉमी श्रेणी के 07 कोच में कुल 478 सीटें हैं। दो कोच 44 -44 सीटों के हैं जबकि पांच कोच में 78 -78 सीटें हैं।
इंटरसिटी से है मुकाबला।
वंदे भारत को कम प्रतिसाद मिलने का एक बड़ा कारण इसका किराए और टाइमिंग को लेकर इंटरसिटी से मुकाबला होना है। वंदे भारत में इंदौर से भोपाल का किराया इकोनॉमी क्लास में 810 रुपए और एग्जीक्यूटिव क्लास में 1510 रुपए है। वापसी में भोपाल से इंदौर का किराया इकोनॉमी में 910 और एग्जीक्यूटिव श्रेणी में 1610 रुपए है। जबकि इसकी तुलना में इंदौर – भोपाल के बीच चल रही इंटरसिटी एक्सप्रेस में सामान्य किराया 100 रुपए और एसी का 365 रुपए है। दूसरे, वंदे भारत का इंदौर से प्रस्थान का समय सुबह साढ़े छह बजे है। ठीक 5 मिनट बाद ही इंटरसिटी रवाना होती है। किराए में भारी अंतर को देखते हुए जाहिर है की यात्री इंटरसिटी को ही प्राथमिकता देंगे। भोपाल से जरूर वंदे भारत की इंदौर वापसी का समय इंटरसिटी से ढाई घंटे बाद का है, ऐसे में वहां से इस ट्रेन को ज्यादा प्रतिसाद मिल सकता है।
सुविधाओं के अनुरूप है किराया।
पीआरओ मीणा ने बताया कि इंदौर – भोपाल के बीच प्रारंभ हुई वंदे भारत ट्रेन में विमान से भी अच्छी सुविधाएं दी गई हैं। यह लग्जरी श्रेणी की ट्रेन होने से इसका किराया ज्यादा है। जो लोग बेहतर सुविधाओं की अपेक्षा रखते हैं, उनके लिए यह ट्रेन बहुत बेहतर, आरामदायक और समय की बचत करने वाली ट्रेन है। इसका समय भी ऐसा रखा गया है कि कोई भी व्यक्ति भोपाल में जरूरी काम निबटाकर उसी दिन वापस लौट सकें। उसको खान – पान की चिंता न करनी पड़े, इसका भी ध्यान इस ट्रेन में रखा गया है। यह नए जमाने की ट्रेन है।जैसी सुविधाएं इसमें यात्रियों को दी जा रही हैं, उसको देखते हुए ही किराए का निर्धारण किया गया है।