म सा सभा की स्मारिका मालविका 2022 का विमोचन।
साहित्यकार पु. ल. देशपांडे और व . पु. काले के जीवन वृत को पुणे के कलाकारों ने संगीतबद्ध प्रस्तुत किया।
इंदौर : मराठी भाषी बच्चे पढ़ तो रहे है और अपनी संस्कृति को भी थामे हुए हैं,लेकिन पढ़ाई ऐसी होना चाहिए जिससे ज्ञान भी मिले और आनंद भी।
ये विचार मराठी साहित्यकार देवीदास पोटे ने व्यक्त किए। वे जाल सभागृह में आयोजित महाराष्ट्र साहित्य सभा के 60 वें शारदोत्सव के समापन समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। मुख्य अतिथि के बतौर इंजीनियर और शिक्षाविद प्राची धारपुरे मौजूद थी।
श्री पोटे ने कहा कि भाषा हमें संस्कृति से जोड़ती है और सभ्य बनाती है। विदेशी भाषा सीखने में कोई बुराई नही है ,लेकिन हमे पहले अपनी भाषा को सम्मान देने की जरूरत है।
सुश्री धारपूरे ने कहा कि मराठी भाषा और संस्कृति के उन्नयन के लिए महाराष्ट्र साहित्य सभा प्रशंसनीय कार्य कर रही है।इससे दूसरे भी प्रेरणा ले।
अतिथियों ने महाराष्ट्र साहित्य सभा की स्मारिका मालविका का विमोचन भी किया । इस मौके
पर वरिष्ठ मराठी भाषी साहित्यकार एवं लेखक विश्वनाथ शिरढोंनकर का सम्मान शॉल, श्रीफल और नगद राशि देकर किया गया।
अतिथि स्वागत संस्था अध्यक्ष अश्विन खरे, सचिव प्रफुल्ल कस्तूरे और मुकुंद कुलकर्णी ने किया। अतिथि परिचय रंजना ठाकुर,सुनील मतकर और अशोक आमणापुरकर ने दिया।कार्यक्रम का संचालन अंतरा करवड़े ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मराठी भाषा के श्रेष्ठ साहित्यकार पु . ल . देशपांडे और व. पु. काले के जीवन वृत एवं उनकी प्रसिद्ध रचनाओं का संगीतमय वाचन पुणे से आए युवा कलाकार मुक्ता जोशी, अभिषेक काले, पराग बापट, ऋचा केलकर और हेमंत शिर्के ने किया।हारमोनियम पर ज्ञानेश्वर सोनवने और तबले पर सिद्धार्थ पड़ियार ने संगत की। अंत में शरदोत्सव की कार्याध्यक्ष अर्चना चितले ने आभार व्यक्त किया।
मराठी गीतों की सुरीली महफिल ने जीता श्रोताओं का दिल।
इसके पूर्व शारदोत्सव के पहले दिन उद्घाटन समारोह के बाद कल्पना झोकरकर निर्देशित कार्यक्रम ‘स्वरगंगेच्या काठावरती’ पेश किया गया। हर्षद शेवगावकर के संगीत संयोजन में गौतम काले, कनकश्री भट्ट, राजेंद्र गलगले और अन्य कलाकारों ने मराठी गीतों की सुमधुर बानगी पेश की। कई गीत तो कलाकारों के साथ श्रोता भी गुनगुनाते दिखे। कार्यक्रम में अतिथि के बतौर मंत्री ऊषा ठाकुर और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत अकादमी के चेयरमैन जयंत भिसे मौजूद रहे।