निपानिया क्षेत्र में नया थाना खोलने की रहवासियों ने उठाई मांग

  
Last Updated:  July 4, 2022 " 11:33 pm"

इंदौर: शहर के सबसे तीव्र गति से विकसित हो रहे निपानिया, पिपलियाकुमार क्षेत्र के तहत आने वाली विभिन्न कॉलोनियों की जन समस्याओं का स्थानीय शासन, प्रशासन के सहयोग निवारण करने तथा क्षेत्र की कानून व्यवस्था को स्थानीय पुलिस के सहयोग से सुदृढ़ करने हेतु वार्ड 36 – 37 रहवासी महासंघ की एक महा बैठक तुलसी नगर स्थित सरस्वती मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक में विशेष रूप से तुलसी नगर, महालक्ष्मी नगर, साईं कृपा कॉलोनी, एम् आर 4, चिकित्सक नगर, पुष्प विहार एक्सटेंशन, सन सिटी, अपोलो डीबी सिटी, बीसीएम् पैराडाइज़, पावन धाम, अमृत पैलेस एवं अन्य कॉलोनियों के रहवासियों और रहवासी संघों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

निपानिया में नए पुलिस स्टेशन की मांग की।

बैठक में स्थानीय पुलिस प्रशासन से वार्ड 36 एवं 37 के पिपलियाकुमार एवं निपानिया क्षेत्र के रहवासियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए निपानिया क्षेत्र में नए पुलिस थाने की स्थापना की मांग की गई। रहवासियों के अनुसार, वर्तमान में पूरा निपानिया एवं पिपलिया कुमार क्षेत्र लसूड़िया थाने के अंतर्गत आता है, इस क्षेत्र के सुरक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी लसूड़िया थाने की है। इस थाने का कार्य क्षेत्र काफी बड़ा होने और संसाधनों एवं स्टॉफ की कमी के कारण, पुलिस जवानों के कन्धों पर अतिरिक्त भार होता है, जिसके कारण क्षेत्र का समुचित रूप से पुलिसिंग नहीं हो पता। इन समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि इंदौर पुलिस कमिश्नर के साथ साथ प्रदेश के गृह मंत्री से निपानिया क्षेत्र में एक अलग से पुलिस स्टेशन स्थापित करने की मांग की जाए।

रहवासी क्षेत्रों में होटल और हॉस्टल खोले जाने पर लगे रोक।

रहवासी महासंघ द्वारा क्षेत्र में कथित राजनीतिक एवं आपराधिक सांठगांठ के चलते रहवासी क्षेत्रों में हॉस्टलों एवं होटलों के निर्माण और संचालन से होनेवाली परेशानियों को देखते हुए इन पर रोक लगाने की मांग की गई।

कब्रगाहों को स्थानांतरित करें।

बैठक में रहवासियों द्वारा एडवांस एकेडमी स्कूल एवं स्कीम न. 134 स्थित कब्रगाहों को क्षेत्र के नागरिकों की जन भावनाओं और इससे हो रही असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की गयी। रहवासियों ने कहा कि इस सन्दर्भ में यदि स्थानीय एवं जिला प्रशासन द्वारा शीघ्र कार्रवाई नहीं की गयी तो वे जन आंदोलन करने पर बाध्य होंगे।

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