इंदौर : स्वामी विवेकानंद का दर्शन सर्वव्यापी और वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा लिए हुए था। उनके आदर्शों को महात्मा गांधी और रवीन्द्रनाथ टैगोर सहित कई महापुरुषों ने अपनाया। निंदा, स्वार्थ और अहम से परे समाज को कुछ देने का सन्देश स्वामी विवेकानंद ने दिया। उनके हिंदुत्व को लेकर विचार कभी भी संकुचित नहीं रहे। वर्तमान हिंदुत्व राजनीतिक है जिसका विवेकानंद के हिंदुत्व से कोई लेना- देना नहीं है।
ये विचार उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने व्यक्त किये। वे स्वामी विवेकानंद की 157 वी जयंती के उपलक्ष्य में इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन दैनिक समय जगत के उपक्रम विवेक विचार वाहिनी के तहत किया गया था। इंदौर प्रेस क्लब ने भी कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
संगोष्ठी में प्रो. राजीव शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े कई प्रसंगों का रोचक वर्णन करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय दर्शन और संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाया। हाजिर जवाबी में उनका कोई सानी नहीं था। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे भारत की आत्मा से रूबरू होना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद के विचारों का अध्ययन करें। प्रो. राजीव शर्मा ने कहा कि विवेकानंद केवल सन्यासी नहीं एक कर्मयोद्धा और विचारक थे। सर्वधर्म समभाव के वे सबसे बड़े प्रणेता थे। सुभाषचंद्र बोस स्वामी विवेकानंद को अपना गुरु मानते थे। उनके विचारों की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी।
समाजसेवी अनिल त्रिवेदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि एकाग्रता जीवन का मूल लक्ष्य है। स्वामी विवेकानंद ने एकाग्रता और संकल्प शक्ति के बल पर दुनिया में अपनी छाप छोड़ी। सन्यासी का अर्थ उन्होंने सेवा माना। श्री त्रिवेदी ने कहा कि विवेकानंद ने प्रश्नों के जरिये अंतर्मन को जगाने का काम किया। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और भगतसिंह जैसे महापुरुष अपने विचारों से दुनिया को प्रकाशवान कर गए। हमें विवेकानंद से प्रेरणा लेकर देश की तासीर बदलने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के बतौर मौजूद इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने भी अपने विचार रखे।
प्रारम्भ में सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के बाद दैनिक समय जगत के प्रधान संपादक अशोक त्रिपाठी ने विषय प्रवर्तन किया। अतिथियों का स्वागत सूत की माला पहनाकर किया गया। इस मौके पर शशिकांत शुक्ल, उमेश रेखे, दिलीप मिश्रा, चंदू जैन, विमल गर्ग, धर्मेंद्र शुक्ला, मनोज जोशी, जगदीश जोशी, टीनू चौहान, बंशी चौधरी, पंकज चौबे, मुकेश जोशी, भरत जोशी और मनीष हरिवंशी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन प्रदीप जोशी ने किया।
वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा लिए हुए था स्वामी विवेकानंद का दर्शन
Last Updated: January 18, 2020 " 02:45 pm"
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