♦️ नरेंद्र भाले ♦️
बरबस अग्निपथ के उस जुमले की याद आ गई। विजय दीनानाथ चौहान…… पूरा नाम। ऐसा ही हुआ कल जो कहते हैं कि नाम में क्या रखा है ,बहुत कुछ है भाई इसमें। टॉस जीतने के बाद लय में लग रहे हैं रॉबिन उथप्पा ने अचानक जेसन होल्डर के हाथों रन आउट के रूप में आत्महत्या कर ली क्योंकि वहां रन था ही नहीं। लेकिन बंदा जोश में होश खो बैठा।
बेन स्टोक्स तथा संजू सैमसन ने जमावट के बहुतेरे प्रयास किये । विशेष रुप से धीमे विकेट पर उससे भी धीमी आती गेंद पर दोनों पेशेवर तालमेल बैठा नहीं पाए। 2 चौके – 1 छक्का उड़ाने के बाद सैमसन लाड में आ गए और होल्डर के स्लोवर वन पर अपने स्टम्प खो बैठे। बटलर भी विशेष नहीं कर पाए। शंकर ने उन्हें रनों की सुपड़ी से कंकर की मानिंद निकाल कर फेंक दिया। अचूक प्रयोग के रूप में वॉर्नर ने अबूझ गेंदबाज राशिद खान को गेंद सौंप दी। उन्होंने स्टोक्स (30) के लकड़े बाहर कर दिए। खराब स्कोरबोर्ड की लीपापोती के स्मिथ (19) एवं रेयान पराग (20) ने बहुतेरे प्रयास किये लेकिन होल्डर ने उन्हें भी चलता कर स्कोरबोर्ड की मुश्के कस दी। आर्चर (16) ने स्कोरबोर्ड की 154 रन से मुंह दिखाई की। मैदान बड़ा था, गेंद रुक कर आ रही थी और उम्दा गेंदबाजी ने राजस्थान को वांछित मुकाम तक पहुंचने नहीं नहीं दिया।
17 के स्कोर पर स्टोक्स का कैच छोड़ने वाले विजय शंकर ने बेहद प्रभावित किया और बहुत कंजूस गेंदबाजी कर अपने कैच छोड़ने के पाप से हाथ धो लिए। हमेशा की तरह राशिद खान ने बड़ी शिद्दत से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
इस बड़े मैदान पर लक्ष्य निश्चित ही बड़ा नहीं था लेकिन जोफ्रा आर्चर को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने वॉर्नर (4) और बेरियस्टो (10) को आगाज में ही डगआउट में भेज कर मनचाही शुरुआत की। स्कोरबोर्ड 14 /2 का मातमी चेहरा लिए खड़ा था।
यहां कप्तान स्मिथ शिकंजा कसने से चूक गए। घातक 2 ओवर के बावजूद उन्होंने आर्चर की जगह त्यागी एवं दूसरे छोर से बेन स्टोक्स को लाकर जीत की भैंस को पानी में धकेल दिया। इस वजह से दबाव बढ़ा नहीं बल्कि मनीष पांडे को फ्री हीट मिल गई। त्यागी के पहले ओवर में 11 और तीसरे ओवर में 17 रन के अलावा स्टोक्स के पहले ओवर में दो गगनभेदी छक्कों के साथ पांडे ने खतरे की सीटी बजा दी और स्कोर बोर्ड को अंतरिक्ष का रास्ता दिखा दिया।
उन्होंने विजय शंकर (52) के साथ नाबाद साझेदारी में 140 रन जोड़कर सारा मामला भिगोया, धोया और हो गया कि तर्ज पर निपटा कर हैदराबाद की झोली में आसान जीत डाल दी। विशेष रुप से मनीष ने नाबाद 83 रनों की आसमानी पारी के दौरान चार चौके एवं आठ गगनभेदी छक्कों के दम पर गेंदबाजों को पराजय की गर्त में धकेल दिया।
बेहद उम्दा क्षेत्र रक्षक का तमगा रखने वाले मनीष ने घातक गेंद भक्षक के रूप में अपनी छवि को पुख्ता कर दिया। राजस्थान हारा नहीं बल्कि हैदराबाद ने एकतरफा प्रदर्शन से उन्हें हार के लिए मजबूर कर दिया। वापस शीर्षक पर आते हैं , नाम विजय (शंकर) जेसन (होल्डर) पांडे (मनीष) पूरा नाम ……जिसका जवाब राजस्थान के पास था ही नहीं।