विजय दिवस पर 1971 के सैन्य नायकों और समाजसेवियों का किया गया सम्मान

  
Last Updated:  December 17, 2024 " 08:00 pm"

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में काव्य की छांव में रचनाओं की गूंज।

गीता रामेश्वरम् ट्रस्ट ने किया था आयोजन।

इंदौर : श्री गीता रामेश्वरम् ट्रस्ट के बैनर तले 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया गया। आयोजक अ.भा. कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल, राधेश्याम पटेल ने बताया कि कि इसी दिन भारत ने अपने पड़ोसी बांग्लादेश को सन् 1971 में स्वतंत्रता दिलाने में अहम् भूमिका निभाई थी। कार्यक्रम का आयोजन बिचौली मर्दाना स्थित पटेल धर्मशाला में किया गया। इस अवसर पर 1971 की लड़ाई में भाग लेने वाले 25 से अधिक सैन्य अधिकारी व जवानों और समाजसेवियों का सम्मान किया गया। बाद में देशभर से आए कवियों द्वारा देश भक्ति से ओतप्रोत काव्य पाठ किया गया।

ये हुए सम्मानित :-

1971 की लड़ाई में शामिल रिटायर्ड कर्नल प्रदीप सिंह चौहान, बाबूलाल सोलंकी, श्रीमती गुलाब बाई एवं सैनानी बसंतीलाल पांडे, श्याम सुन्दर यादव, पं. कृपाशंकर शुक्ला, बलवंत सिंह मास्टर साहब, कैलाश तिवारी, विनोद शर्मा, कमल शर्मा, गुलाब बाई बैरवा सहित अन्य को सम्मानित किया गया।

सत्त्यनारायण पटेल ने बताया कि इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि प्रोफेसर राजीव शर्मा ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के सूत्रधार के रूप में प्रोफेसर शर्मा ने अपनी रचनाओं का पाठ किया, जिनमें देशभक्ति, समाज और इंसानियत का गहरा संदेश था। अपनी कविता के माध्यम से उन्होंने कहा-
जो लोग इश्क अपने लक्ष्य से सुबहो शाम करते हैं,
चाँद और तारे भी झुककर उसे सलाम करते हैं, सूरज अर्ध्य चढ़ाता है उस इंसान को,जो अपना जीवन वतन के नाम करते हैं…

इस कविता ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी, वहीं उनकी हास्य फुलझडिय़ां और क्षणिकाओं ने सभी को हंसी से लोटपोट कर दिया।

दिल्ली से आए कवि प्रताप फौजदार की कविताओं ने श्रोताओं को देश के असली नायकों की याद दिलाई।दिल्ली से ही आई कवयित्री ख़ुशबू शर्मा ने राजनीति और नेताओं के बारे में अपनी आलोचनात्मक कविता प्रस्तुत की।कवि संजय खत्री (बेटमा) ने अपने शब्दों में सत्ता के मद और नेताओं की कथनी-करनी में फर्क को उजागर किया।
कवि सत्येन वर्मा सत्येन ने राष्ट्रभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित करते हुए अपनी कविता प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने भारत मां के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्य को व्यक्त किया।श्रोताओं ने इन कवियों की प्रस्तुतियों को तालियां बजाकर दाद दी।

प्रारंभ में अतिथियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। कवियों का स्वागत राधेश्याम पटेल, रघु परमार, अमन बजाज, शक्ति सिंह गोयल, विनोद सत्यनारायण पटेल, चेतन चौधरी, राहुल पटेल, गौरव पटेल, जगदीश जोशी, नरेन्द्र सूर्यवंशी, जगदीश सतैया, मिथिलेष जोशी, मनोज पाटीदार आदि ने किया।
कार्यक्रम का संचालन मदन परमालिया ने किया। आभार विनोद पटेल ने माना।

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