विद्याधाम गौशाला में गौवंश को परोसे गए 56 तरह के व्यंजन

  
Last Updated:  November 16, 2020 " 02:31 pm"

इंदौर : विमानतल मार्ग स्थित विद्याधाम की गौशाला पर रविवार को गौवंश के लिए ‘छप्पन भोग महोत्सव’ का दिव्य आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। गौवंश के लिए सेवफल, केले, अंकुरित अनाज, हरी सब्जी, हरी घास, भूसा, गुड़ रोटी एवं खली-कपास्या सहित 56 तरह के व्यंजन रखे गए थे। गौशाला की सभी गायों की साज-सज्जा के साथ ही एक हजार आठ दीपों की श्रृंखला भी सजाई गई। गोवर्धन पर्वत की झांकी भी आकर्षण का केंद्र बनी रही।
कार्यक्रम संयोजक पूनमचंद अग्रवाल, पं. दिनेश शर्मा एवं राजेंद्र महाजन ने बताया कि गौशाला परिसर में भगवान कृष्ण एवं गोवर्धन पर्वत की आकर्षक झांकी एवं 56 भोग के पात्र तथा व्यंजनों के नामपट्ट का प्रदर्शन भी किया गया था। सुबह से अनेक भक्तों ने गौशाला पहुंचकर गौवंश को उनके प्रिय व्यंजन परोसने का सिलसिला शुरू किया जो देर रात तक चलता रहा। भजनों की मनोहारी प्रस्तुतियों के बीच 2 हजार से अधिक गौ भक्तों ने देर रात तक इस उत्सव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में 21 विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इस महोत्सव का शुभारंभ किया। आश्रम परिवार के गोपाल मालू, राम ऐरन, डाॅ. संजय पंडित, चंदन तिवारी, सुरेश शर्मा काका, रमेशचंद्र राठौर, सत्यनारायण दूधवाले, रमेश पसारी, योगेश होलानी सहित 2 हजार से अधिक भक्तों ने गौधूलि बेला में गौमाता की आरती में भाग लिया। सैंकड़ों भक्तों ने गौशाला में कतारबद्ध होकर सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का प्रयोग करते हुए गौवंश को उनके प्रिय 56 भोग परोसे। इस दौरान आश्रम की कुटटी मशीन से एक बड़े होद में इन सब व्यंजनों को मिला कर गौवंश के खाने लायक बनाने का काम भी चलता रहा। देर रात तक 2 हजार से अधिक गौभक्तों ने इस महोत्सव का पुण्यलाभ उठाया।
संयोजक पूनमचंद अग्रवाल एवं पं. दिनेश शर्मा के अनुसार शहर के अनेक गौशाला संचालक एवं धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी इन व्यंजनों का अवलोकन करते हुए पूरी दिलचस्पी के साथ जानकारी प्राप्त की और इसे एक अनूठा आयोजन बताया। गौशाला के प्रवेश मार्ग पर गाय की महत्ता लिखे हुए आकर्षक पोस्टर्स भी आकर्षण के केंद्र बने रहे। सैंकड़ों भक्तों ने इस महोत्सव को अपने मोबाईल कैमरों में भी कैद किया। इसके पूर्व सुबह से आश्रम पर नियमित गोवर्धन पूजा का उत्सव भी मनाया गया। संध्या को गौमाता की आरती में भी सैकड़ों भक्त शामिल हुए। अंत में पूनमचंद अग्रवाल ने आभार माना।

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