वीर सावरकर असल भारत रत्न हैं, वे किसी सम्मान के मोहताज नहीं – फडणवीस

  
Last Updated:  February 26, 2023 " 12:18 am"

बृहन महाराष्ट्र मंडल का राष्ट्रीय अधिवेशन एमरल्ड हाइट्स में प्रारंभ।

कानपुर आईआईटी के निदेशक अभय करंदीकर को दिया गया जीवन गौरव पुरस्कार।

इंदौर : महाराष्ट्र के बाहर निवासरत मराठी भाषियों की केंद्रीय संस्था बृहन्महाराष्ट्र मंडळ के तीन दिवसीय 71वे अधिवेशन का शनिवार को औपचारिक उद्घाटन समारोह सांसद शंकर लालवानी, सदगुरु अण्णा महाराज और बाबा साहेब तरानेकर के आतिथ्य में संपन्न हुआ। बृहन महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन, तरुण मंच के संयोजक प्रशांत बडवे तथा अन्य पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

आपदाकाल में सहायता कार्य करने वाली समाज की संस्थाओं को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। पुस्तकों का विमोचन भी इस दौरान संपन्न हुआ

दोपहर के सत्र की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक भैया जी जोशी के व्याख्यान से हुई । उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सामाजिक संस्थाओं की भूमिका विषय पर संबोधित करते हुए समाजजनों से आग्रह किया की यदि समाज में विरोधी तत्व पनपते हैं तो उन्हें सुधारने की और सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी समाज को उठानी चाहिए।

अभय करंदीकर को जीवन गौरव पुरस्कार।

इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुख्य आतिथ्य में जीवन गौरव पुरस्कार आयआय टी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर को प्रदान किया गया। देवेंद्र फडणवीस ने संबोधितं करते हुए कहा की महाराष्ट्र के बाहर निवासरत मराठी भाषियों ने मराठी संस्कृति के साथ ही सनातन हिन्दू संस्कृति की भी पूर्ण जतन से रक्षा करते हुए उसका विस्तार किया है । राष्ट्र के विकास में योगदान देने का कार्य आप सभी कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया की महाराष्ट्र में बैठकर एक बड़े भाई की भूमिका का निर्वाह करते हुए आपकी समस्त आवश्यकताओं का ध्यान रखना महाराष्ट्र शासन का कर्तव्य है। नई दिल्ली में समाज के भवन निर्माण कार्य में सभी तरह का सहयोग देने का आश्वासन भी उन्होंने दिया।

वीर सावरकर को मिले भारत रत्न ।

स्वातंत्र्य वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उठने पर फड़नवीस ने कहा की सावरकर भारत के रत्न हैं। सिर्फ उसे अधिकृत रूप से स्वीकार करना है ताकि उनके कार्यों पर उठने वाले सवाल बंद हो जाएं।

शाम के सत्र में गौरव रणदिवे के मुख्य आतिथ्य में देश के विख्यात गायक कलाकार मुग्धा वैशंपायन और प्रथमेश लघाटे ने मराठी गीतों, अभंग और भजनों की प्रस्तुति से सबको मुग्ध किया । दोनो को सुनने के लिए सभागृह में हजारों की संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

रविवार की सुबह 8 बजे शहर के समस्त मराठी भाषी तिलक प्रतिमा पलासिया से सावरकर प्रतिमा स्थल चौराहा पर जुलूस के रूप में पहुंचेंगे। यहां सावरकर प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सरकार से मांग की जाएगी कि वीर सावरकर को शीघ्र भारत रत्न प्रदान किया जाए। ख्यात वक्ता और कीर्तनकार चारुदत आफले का सम्मान और व्याख्यान भी प्रतिमा स्थल पर होगा।

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