शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में देश – विदेश से आए विशेषज्ञ कर रहे शिरकत

  
Last Updated:  December 18, 2022 " 03:22 pm"

इंदौर : शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर महाविद्यालय एवं महाविद्यालय के निकट स्थित ब्रह्मचर्य आश्रम में शनिवार से दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का आगाज हुआ। पहले दिन कार्यक्रम की शुरुआत भगवान धन्वंतरि के पूजन से हुई। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में संगठन सचिव आरोग्य भारती, सलाहकार आयुष मंत्रालय भारत सरकार डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय मौजूद थे। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पार्षद योगेश गेंदर थे।हरिशंकर शर्मा ओसाका जापान, प्रोफ़ेसर बनवारी लाल गौड़ पूर्व कुलपति राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, पूर्व सांसद एवं कॉलेज के छात्र डॉ. रामलखन कुशवाह, पूर्व महापौर इंदौर डॉ. उमाशशि शर्मा, डॉ. पी सी शर्मा, ज्वाइंट डायरेक्टर आयुष विभाग मध्यप्रदेश शासन, डॉ. रामबाबू द्विवेदी जामनगर , डॉ महेश व्यास नई दिल्ली, डॉ. सतीश चंद्र शर्मा प्राचार्य शासकीय अष्टांग कॉलेज इंदौर, डॉ. बृजेश सक्सेना अवर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग , राकेश शर्मा,अध्यक्ष एथिक्स कमेटी एनसीआइएसएम रघुराम भट्ट मेडिकल रेटिंग बोर्ड एनसीआईएसएम भी उपस्थित थे।

आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही भारत सरकार।

विशेष अतिथि डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि भारत सरकार आयुर्वेद के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। आयुर्वेद में अनुसंधान को भी धीरे-धीरे बढ़ावा मिल रहा है।

जापान से आए डॉ. हरिशंकर ने बताया कि विदेशों में भी आयुर्वेद का तेजी से प्रचलन बढ़ रहा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में 50 वर्ष पूर्व के छात्रों का मिलन समारोह अत्यंत ही ऊर्जावान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लोकेश जोशी, नीरजा जैन, सुरभि मिलन जैन, अनुरुचि सोलंकी द्वारा किया गया , कार्यक्रम में आयुष निर्माता संघ द्वारा प्रकाशित अखबार का विमोचन किया गया। भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा का भी पूजन किया गया।

मर्म चिकित्सा पर डाला गया प्रकाश।

उद्घाटन सत्र के पश्चात वैज्ञानिक सत्र में मर्म चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉ. नवीन जोशी देहरादून द्वारा बताया गया कि किस प्रकार शरीर में मर्म प्रयोग करने से अनेक प्रकार की बीमारियों में तुरंत लाभ मिलता है। उन्होंने इसका प्रायोगिक परीक्षण भी करवाया।

इसके पश्चात मुंबई के डॉ. संजय द्वारा प्रकृति परीक्षण पर व्याख्यान दिया गयाा। उन्होंने मनुष्य में प्रकृति का परीक्षण करके अनेक व्याधियों की पहचान करने और उनकी चिकित्सा पद्धति की जानकारी दी। कार्यक्रम की जानकारी डॉ. प्रदीप चौहान द्वारा दी गई। कार्यक्रम में 1500 आयुर्वेद विशेषज्ञ, बाहर से आए हुए अतिथि, सामाजिक कार्यकर्ता, कृषि विशेषज्ञ, अनुसंधानकर्ता उपस्थित थे। महाविद्यालय में वैज्ञानिक सत्रों में डॉक्टरों द्वारा 40 वैज्ञानिक पेपरों का वाचन किया गया।

आयोजन स्थल पर आयुर्वेदिक दवाइयों के स्टॉल भी लगाए गए। जिनमें आयुर्वेदिक दवाइयों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. पी.एस. चौहान द्वारा किया गया।

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