शास्त्रीय रागों में ढलकर श्रोताओं के कानों तक पहुंचे मनाचे श्लोक

  
Last Updated:  February 24, 2019 " 01:48 pm"

इंदौर: हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ स्वामी रामदास रचित मनाचे श्लोक आज भी सिखाए, पढ़ाए, गाए और सुनाए जाते हैं। मन के विकारों को दूर करके अच्छे विचारों से मन- मष्तिष्क को समृध्द करने का नाम ही मनाचे श्लोक है। समर्थ रामदास के इन्हीं श्लोकों को रागदारी में ढालकर पेश किया ख्यात शास्त्रीय गायिका शोभा चौधरी ने। लोकमान्य नगर स्थित राम मंदिर परिसर में आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम में शोभाजी का साथ मनीष मोडक ने निभाया।
सह कलाकार थे मीनल मोडक, दर्शना चिकोडिकर वैभवी कुलकर्णी, नियम कानूनगो और अदिति जोशी। साथ- संगत की मुकेश रासगया और राजेंद्र जोशी ने। किसी भी कार्यक्रम की धुरी सूत्रधार होता है जो एक से दूसरी कड़ी को जोड़ने का काम अपने वाक्चातुर्य से करता है। शोभाजी के कार्यक्रम में ये जिम्मेदारी उज्ज्वला जोशी ने बखूबी निभाई। श्रोताओं ने रागदारी में पिरोए मनाचे श्लोक को दिल से सुना और सराहा।

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