नजरिया बदलो तो नजारे बदल जाते हैं

  
Last Updated:  October 18, 2023 " 08:23 pm"

प्रवचनकार जया किशोरी ने हजारों नागरिकों को दिया भगवान राम के जीवन का संदेश।

गीता रामेश्वरम ट्रस्ट के आयोजन में पहुंचे हजारों लोग।

इंदौर : ख्यात प्रवचनकार जया किशोरी ने हजारों श्रद्धालुओं को भगवान राम के जीवन का संदेश दिया। जया किशोरी ने कहा कि वनवास ने राजकुमार राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया।

रोबोट चौराहे पर गीता रामेश्वरम ट्रस्ट के द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय अनूठे और भव्य आयोजन में जया किशोरी के श्रीमुख से भगवान श्रीराम के जीवन के संदेश का श्रवण करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे । इस मौके पर जया किशोरी का स्वागत ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद सत्यनारायण पटेल ने किया। श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए जया किशोरी ने कहा कि भगवान राम ने अवतार इसलिए लिया था ताकि आम आदमी को बता सके की किस तरह का आचरण करके इंसान से भगवान बना जाता है । इस दुनिया में खुशी मिलती नहीं है । खुद खुश रहना पड़ता है । नजरिया बदलो तो नजारें अपने आप बदल जाते हैं। एक जैसी स्थिति जब सकारात्मक व्यक्ति को मिलती है तो वह और ज्यादा सकारात्मक हो जाता है और जब नकारात्मक व्यक्ति को मिलती है तो वह ज्यादा बिखर जाता है । ऐसे में क्या गलती परिस्थिति की है ? नहीं, हमारी है । हमारी सोच की है । रोने से स्थिति कभी नहीं बदलती है । यदि बदल जाती हो तो जीवन भर रोते रहिए । अब मनुष्य को परेशान रहने में मजा आने लगा है ।

उन्होंने कहा कि अब व्यक्ति दुखी है । कहीं कोई रिश्ता टूट गया है या कोई धोखा मिल गया है । ऐसे मैं आपको ऊर्जा देने वाले संगीत को सुनना चाहिए लेकिन आप सेड सांग सुनकर खुद को और ज्यादा दुखी करते हैं। भगवान की लीलाएं हमें सिखाती है की दुख तो आते रहेंगे, उसमें सुखी कैसे रहना है यही सीखना है। जिंदगी में मुश्किल सभी को आती है । जो यह जानते हैं कि मुश्किल से लड़कर ही आगे बढ़ सकते हैं ,वह आगे बढ़ जाते हैं । जो इस स्थिति के लिए दोषारोपण करते रहते हैं, वह उसी में लगे रहते हैं । करने वाले काम करके आगे बढ़ जाते हैं और नहीं करने वालों के पास सौ बहाने रहते हैं ।

उन्होने कहा कि विपरीत परिस्थिति में ही मनुष्य का असली स्वभाव सामने आता है । उस समय मालूम पड़ता है कि वह व्यक्ति कैसा है ? अच्छी स्थिति में तो हर कोई अच्छा रहता है । हम कितनी चीजों की मांग करते हैं – यह मिल जाए, वह मिल जाए, ऐसी सफलता मिल जाए, यहां पास हो जाए, वह डिग्री मिल जाए, ऐसा रिश्ता बन जाए, ऐसा व्यक्ति मिल जाए, इससे शादी हो जाए, इतना धन मिल जाए, ऐसा महल मिल जाए – इन मांगों में एक भी पूरी ना हो तो व्यक्ति बिखर जाता है । प्रभु श्रीराम राजा बनने वाले थे । उसके एक रात पहले जो मिलने वाला था , वह तो नहीं मिला लेकिन जो था वह भी छिन गया। जब वे अपनी माता से मिलने जाते हैं तो कोई शिकायत नहीं करते हैं बल्कि कहते हैं कि मुझे वन का राज्य दिया गया है। इसे कहते हैं सकारात्मकता।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *