इंदौर: मप्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का दौर खत्म हो गया है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। मतदाताओं में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए हरतरह के तरीके अपनाए गए । प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग प्रचार- प्रसार में किया गया। रैलियां, सभाएं और घर- घर जनसंपर्क के जरिये प्रत्याशियों ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाई। पार्टी और प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा गया। पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम शिवराज बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे तो कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमान संभाले रखी। पीएम मोदी ने 10 तो राहुल गांधी ने 21 सभाएं की। हालांकि प्रादेशिक नेताओं में सीएम शिवराज बीजेपी के और सिंधिया कांग्रेस का मुख्य चेहरा रहे। दोनों नेताओं ने पूरा प्रदेश नापते हुए अपनी- अपनी पार्टियों का जमकर प्रचार किया। शिवराज तो चुनाव के पहले ही जन आशीर्वाद यात्रा के जरिये पूरे प्रदेश की परिक्रमा कर चुके थे। चुनाव की घोषणा के बाद एक बार फिर वे पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में मप्र के गांव- शहर और गलियों की खाक छानते रहे। उधर सिंधिया ने भी कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी। प्रचार में वे शिवराज को बराबरी की टक्कर देते रहे। देखा जाए तो ये चुनाव शिवराज बनाम सिंधिया के ही नाम रहा। यहां तक कि विज्ञापनों में भी कांग्रेस ने शिवराज तो बीजेपी ने सिंधिया को टारगेट किया। बीजेपी ने स्टार प्रचारकों के बतौर स्मृति ईरानी, योगी आदित्यनाथ, हेमामालिनी, परेश रावल आदि को भी चुनाव मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने राज बब्बर, नवजोत सिद्धू जैसे सितारों का सहारा लिया। पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह केवल अल्पसंख्यक इलाकों तक ही सीमित रहे।
कुल मिलाकर इस चुनाव में मुख्य मुकाबला शिवराज और सिंधिया जैसे क्षत्रपों के बीच ही रहा। इस दंगल में ऊंट किस करवट बैठेगा।शिव का ताज सुरक्षित रहेगा या सिंधिया के सर बंधेगा सेहरा इसका सभी को इंतजार है।
शिवराज और सिंधिया रहे मुख्य स्टार प्रचारक
Last Updated: November 27, 2018 " 12:12 pm"
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