इंदौर : गुरुवार शाम राजेंद्र नगर राम मंदिर में शहर के युवा गायक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से वातावरण में राम नाम का ऐसा रस घोला जिसकी धुन में श्रोता मुग्ध हो कर राममय हो गए।
आध्यात्मिक साधना मंडल, तरुण मंच और सहयोगी संस्थाओं द्वारा आयोजित राम जन्मोत्सव के 9 दिवसीय कार्यक्रम में दूसरे दिन शहर के नामचीन गायक कलाकारों के 10 युवा शिष्यों ने राम का गुणगान करिए शीर्षक से मराठी , हिंदी के प्रसिद्ध भजन , अभंग और भक्ति गीतों की स्तरीय प्रस्तुतियां दे कर श्रोताओं को अचंभित कर दिया। युवा गायकों ने जिस तैयारी के साथ प्रस्तुतियां दी, उससे यह विश्वास जगा की अपने गुरु की दी हुई सीख को वे पूरी गंभीरता से अंगीकार कर रहे हैं।
अनेक भजन जो शास्त्रीयता का पुट लिए हुए थे उन्हें भी ये कलाकार बहुत सहजता से निभा गए ।
इस दौरान गीत रामायण, मीरा भजन, कबीर भजन, भीमसेन जोशी तथा लताजी जैसे दिग्गज गायकों के भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत में समवेत स्वर में राम नाम के गजर से राम मंदिर परिसर गूंज उठा। इसके बाद सार्थक और निष्ठा ने पंडित भीमसेन जोशी और लताजी का प्रसिद्ध गीत राम का गुणगान करिए सुनाया। दूसरे क्रम पर मोहक ने गीत रामायण की प्रसिद्ध रचना दशरथा घे हे पसायदान की प्रस्तुति दी । इसके बाद चेतना ने लताजी का गाया हुआ गीत ठुमक चलत रामचंद्र की प्रस्तुति दी । अगले क्रम पर उर्वी ने आशा भोंसले का गाया गीत रामा रघुनंदना की प्रस्तुति दे कर सबको भावुक किया । इसके बाद सार्थक ने गीत रामायण का एक और प्रसिद्ध गीत स्वयंवर झाले सीते चे सुनाया। इसी क्रम में यश ने पंडित जसराज की प्रसिद्ध रचना हनुमान लला मेरे प्यारे लला की प्रस्तुति दी।प्रथम जोशी ने हमारे साथ श्री रघुनाथ गाया । कार्यक्रम का समापन यश फपुणकर ने पद्मनाभ नारायणा की प्रस्तुति के साथ किया । तबले पर वेदांत और चैतन्य ने तथा हारमोनियम पर हर्षल पाटनकर ने सुमधुर संगति की। चित्रा गंधे ने अपने सूत्र संचालन के दौरान प्रभु श्री राम से जुड़ी कथाओं का सरस वर्णन किया।
श्रीराम जन्मोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को शाम 7.30 बजे मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे का व्याख्यान होगा । आप सनातन में वैज्ञानिकता विषय पर संबोधित करेंगे।