भक्त महिलाओं ने सातुड़ी तीज के पर्व पर भगवती श्री महालक्ष्मी की कुमकुम से अर्चना कराई।
इंदौर : श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में
श्रीमदजगद्गुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के आशीर्वाद से झूला महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर रजत झूले में विराजमान प्रभु वेंकटेश ने गोंविंदा गोविंदा के जयघोष के बीच भक्तों को दर्शन दिए।
महिलाओं ने सातुड़ी तीज पर भगवती श्री महालक्ष्मी की कुमकुम से अर्चना कराई।
इस दौरान सभी भक्त महिलाओं ने सातुड़ी तीज के पर्व पर भगवती श्री महालक्ष्मी की कुमकुम से अर्चना कराई।
वेंकटरमण गोविंदा की परिक्रमा के साथ प्रातः से दोपहर 2 बजे तक महिलाओं द्वारा प्रभु वेंकटेश की तुलसी अर्चना व भगवती महालक्ष्मी की कुमकुम अर्चना की होड़ सी लगी रही।
झूले में विराजमान प्रभु वैंकटेश को भक्तों ने झुलाया झूला।
शाम 6 बजे सातुड़ी तीज पर हरियाली ओर झरनों के बीच प्रभु वेंकटेश वैकुंठनाथ स्वरूप में आशीर्वाद दे रहे थे। श्री देवी व भूदेवी के साथ झूले में विराजमान प्रभु वैंकटेश को झूला झुलाने में भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान भक्त और भगवान जेसे एक हो गए थे।
मंदिर से जुड़े पंकज तोतला ने बताया श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियो द्वारा मंत्रोच्चार के साथ स्तोत्र पाठ किया गया वहीं भजनों की सुरीली प्रस्तुति भी दी गई। भजनों पर महिलाओं ने जमकर नृत्य भी किया।
रात्रि को पुजारी श्री सुदर्शनाचार्य मुकुंद रामानुजदास,शिवम पांडे,केलाश शास्त्री,गोपाल शर्मा द्वारा प्रभु की जय जानकीनाथ की आरती की गई। इसके बाद स्तोत्र पाठ के साथ गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर आनंद बजाज सौरभ चौहान, मुदित पलोड, नंदलाल शर्मा, गजेंद्र राठौड़ आदि मौजूद थे।