इंदौर : मध्य प्रदेश में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार साढ़े 14 हजार करोड़ रुपए का अनुदान देगी। वर्ष 2020-21 के लिए बिजली कपंनियों को यह राशि ऊर्जा विभाग के माध्यम से दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। साथ ही पिछले साल कर्मचारियों के लिए लागू विशेष त्योहार अग्रिम योजना, पथ विक्रेताओं को एक-एक हजार रुपये की सहायता देने के निर्णय के अनुसमर्थन का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
शिवराज सरकार ने स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए फ्लैट रेट योजना 2013-14 में लागू की थी।
इसमें दस हार्सपावर तक के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं को प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष 750 रुपये और इससे अधिक क्षमता के पंप वाले उपभोक्ताओं को प्रति हार्सपावर डेढ़ हजार रुपये तक बिजली देने का प्रविधान है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय दर से कम पर बिजली देने के कारण सरकार नौ हजार 773 करोड़ रुपये का अनुदान तीनों बिजली कपंनियों को देगी।
घरेलू उपभोक्ताओं, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है, को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें प्रथम सौ यूनिट तक सौ रुपये की दर से बिल लिया जा रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उपभोक्ताओं को तीस यूनिट तक मासिक खपत पर 25 रुपये देना होते हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को दर में रियायत देने के एवज में सरकार बिजली कंपनियों को चार हजार 945 करोड़ रुपये का अनुदान देगी।
इसी तरह अन्य क्षेत्रों में बिजली की दरों में सरकार द्वारा दी गई छूट के लिए अनुदान दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिजली की दरों में रियायत देने के एवज में बिजली कपंनियों को अनुदान देने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।
वहीं, सरकार ने कर्मचारियों को पिछले साल चार हजार रुपये तक त्योहार अग्रिम देने का फैसला किया था। इस योजना को अनुसमर्थन के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। साथ ही कोरोना संकट के समय पथ विक्रेताओं को दी गई एक-एक हजार रुपये की सहायता के निर्णय को भी अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में इसके अलावा अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श होगा।