रियल स्टेट कारोबारियों के खिलाफ आयकर विभाग के छापे जारी

  
Last Updated:  December 15, 2022 " 07:41 pm"

100 करोड़ से ज्यादा की आयकर चोरी उजागर होने की संभावना, किसानों से भी होगी पूछताछ।

चावला के ठिकानों से नकदी के साथ भारी मात्रा में जमीनों के दस्तावेज मिले, प्राधिकरण से हासिल भूखंड पर बनी हाईराइज बिल्डिंगों के साथ कई प्रोजेक्ट जांच के दायरे में

इंदौर : रियल इस्टेट कारोबारियों पर आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई में लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की कर चोरी उजागर होने की संभावना जताई गई है। 40 से 50 करोड़ की कर चोरी अभी तक पकड़ में आ चुकी है। हाई लिंक सिटी के वीरेन्द्र गुप्ता के साथ चांवला, सचदेवा के यहां जांच में बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की बात भी सामने आई है।

बताया जाता है कि गोविंद चांवला, सागर, निम्मी और उसके पार्टनर नीरज सचदेवा द्वारा पिछले कुछ वर्ष में कई बड़े प्रोजेक्ट को अंजाम दिया गया है।

कहा जाता है कि सत्तासीन नेताओं का संरक्षण भी इस समूह को हासिल है, जिसके चलते प्राधिकरण की योजना 78 में मिले भूखंड पर हाईराइज बिल्डिंग के अलावा निपानिया में स्काय लग्जुरिया और नए शॉपिंग मॉल सहित कई कालोनियां काटी गई और डायरियों पर भी करोड़ों रुपए का माल बेच दिया गया। छापे में 14 करोड़ से अधिक की हुंडी मिली, तो 5 करोड़ से अधिक की नकदी और कई बेशकीमती घडिय़ां भी जब्त हुई है। वहीं किसानों से किए करोड़ों के लेन-देन के चलते अब उनसे भी आयकर विभाग पूछताछ करेगा।

पिछले दिनों ही विभाग को मिले हैं सर्च और सर्वे के अधिकार।

सितम्बर-20 से वित्त मंत्रालय ने कोविड के चलते आयकर से सर्च और सर्वे के अधिकार छिन लिए थे, जो पिछले दिनों ही वापस किए गए। फेसलेस अधिनियम के चलते ये अधिकार छिने थे। मगर फिर आयकर चोरी बढऩे के चलते पिछले दिनों ही सीबीडीटी यानी केन्द्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड ने आयकर आयुक्तों को सर्च और सर्वे के अधिकार दिए, जिसके चलते अब एक बार फिर आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन विंग ने छापामारी शुरू कर दी हैं।

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