इंदौर : प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने आईडीए बोर्ड द्वारा राजेंद्रनगर स्थित निर्माणाधीन सभागृह बेचने का निर्णय लिए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने सभागृह उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में होने के बावजूद उनकी जानकारी में लाए बिना आईडीए बोर्ड द्वारा निर्णय ले लिए जाने पर आईडीए अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभागृह को बेचने संबंधी फैसले को वापस लें और निर्माणाधीन सभागृह के बचे हुए काम को पूरा करें। उसका संचालन किसतरह किया जाए ये बाद में तय किया जाएगा।
रहवासियों और कलाकारों ने जताया था विरोध।
आपको बता दें कि आयडीए की बोर्ड बैठक में राजेन्द्र नगर स्थित सभागृह को बेचने का निर्णय लिए जाने पर राजेंद्रनगर व आसपास की कॉलोनियों के रहवासियों ने विरोध जताते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। इस अभियान में शहर के कलाकार, संस्कृतिकर्मी , सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ सैंकड़ों की संख्या में नागरिकों ने अपने हस्ताक्षर कर आयडीए के निर्णय के प्रति अपना विरोध प्रकट किया था।
शहर की जरूरत है सभागृह।
आईडीए को दिए जाने वाले ज्ञापन में रहवासियों, कलाकारों, संस्कृतिकर्मियों और प्रबुद्ध नागरिकों ने आग्रह किया था कि शहर में एक बड़े सभागृह की अत्यंत आवश्यकता है। यदि इस निर्माणाधीन ऑडिटोरियम को भी बेच दिया गया तो शहर की कलाप्रेमी जनता और कलाकार अपने कार्यक्रम करने कहां जाएंगे ।
आयडीए इसे बेचने के बजाए शीघ्र पूर्ण कराए तथा इसके संचालन हेतु शहर के प्रमुख व्यक्तियों की समिति गठित कर उसे रख रखाव और संचालन का दायित्व सौंपा जाए ।
मंत्री पटवारी तक पहुंची थी विरोध की आवाज।
कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी को रहवासियों और कलाकारों ने आईडीए बोर्ड के सभागृह को बेचने के फैसले से अवगत कराया। अपने विधानसभा क्षेत्र स्थित सभागृह के बारे में उन्हें बताए बिना फैसला लिए जाने पर मंत्री पटवारी भी नाराज हो गए। इसी का नतीजा रहा कि उन्होंने तत्काल आईडीए अधिकारियों को हड़काया।
बहरहाल, स्थानीय नागरिकों, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों द्वारा मिलकर आवाज उठाने का ही परिणाम रहा कि मंत्री जीतू पटवारी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। अब उम्मीद जताई जानी चाहिए कि आईडीए निर्माणाधीन सभागृह को मुकम्मल कर शहर को नई सौगात देगा।