इंदौर : रोशनाई के महापर्व दीपावली की खुशियां मनाने और बांटने के कई तरीके हो सकते हैं पर जब सुरों के दीप आपके अंतर्मन को आलोकित कर दिली खुशी का अहसास कराएं तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। इंदौर वासियों को ये अवसर उपलब्ध कराया संस्था सानंद न्यास ने। दीपावली के मौके पर सानंद न्यास ने सुरमयी महफ़िल सजाई। नाम दिया ‘दिवाली प्रभात’
मंजे हुए कलाकारों की प्रस्तुतियों से महकी दिवाली की सुबह।
देवी अहिल्या विवि के खंडवा रोड स्थित सभागार में सजाई गई इस प्रातःकालीन महफ़िल का आगाज शास्त्रीय गायिका भाग्यश्री देशपांडे ने राम- कृष्ण हरी नाम स्मरण से किया। इसके बाद उन्होंने सन्त तुकाराम, ज्ञानेश्वर माउली आदि सन्तों के अभंग शिद्धत के साथ पेश कर लोगों को रूहानी सुकून का अहसास कराया। अपने गायन का समापन उन्होंने बोलावा विट्ठल से किया।
इसके बाद मंच संभाला बेलगांव कर्नाटक से आए कलाकार जयतीर्थ मेवुंडी ने। उन्होंने अपनी विशिष्ट गायन शैली में संतों की वाणी को स्वर देते हुए श्रोताओं के अंतर्मन को छू लिया। पंढरी एकदा पहा रे, याच्या साठी केला होता अट्टहास, माझे माहेर पंढरी, राजस सुकुमार जैसे अभंगों को श्रोताओं का खूब प्रतिसाद मिला। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर रखी गई थी।
श्रेष्ठ वेशभूषा स्पर्धा में मंगलाताई आठवले और उल्हास गुर्जर रहे विजेता।
इस मौके पर श्रेष्ठ वेशभूषा स्पर्धा भी रखी गई। महिलाओं में डॉ. मंगलाताई आठवले प्रथम, प्रणीता द्रविड़ द्वितीय और विभा गोडबोले तृतीय स्थान पर रही। पुरुषों में उल्हास गुर्जर प्रथम, तेजस गोडबोले द्वितीय और शुभम इंगले तृतीय स्थान पर रहे। स्पर्धा के निर्णायक थे, कल्पना झोकरकर और उमेश झोकरकर। विजेताओं को लोटस के सौजन्य से आकर्षक पुरस्कारों से नवाजा गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रदेश की संस्कृति व पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलन किया। मराठी साहित्य अकादमी, भोपाल के निदेशक उदय परांजपे और पंचम निषाद संगीत संस्था मुम्बई के शशि व्यास कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे। सानंद की ओर से अतिथि और अतिथि कलाकारों का स्वागत श्रीनिवास कुटुम्बले ने किया। सूत्र संचालन ईशा इंगले और अथर्व पण्डित ने किया। आभार जयंत भिसे ने माना।