सिंधिया को कमलनाथ की दो टूक…’तो उतर जाएं सड़क पर’

  
Last Updated:  February 15, 2020 " 03:45 pm"

भोपाल : ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच तकरार ने अब तल्खी का रूप ले लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के वचन पत्र में जनता के साथ किये वादे पूरे नहीं किये जाने पर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने सम्बन्धी बयान दिया था। शनिवार को नई दिल्ली में सीएम कमलनाथ से सिंधिया के इस बयान को लेकर सवाल किया गया तो झल्लाने वाले अंदाज में उन्होंने कहा ‘तो उतर जाएं’ और अपनी कार आगे बढ़ा ली।

समन्वय समिति की बैठक छोड़कर चले गए सिंधिया..!

बताया जाता है कि नई दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक रखी गई थी। उसमें सीएम कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में मप्र के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच सुलह- समझौते और तालमेल बिठाने की कोशिश की गई पर बात नहीं बनीं। कहा ये भी जा रहा है कि सिंधिया बीच में ही बैठक से उठकर चले गए थे।नई दिल्ली में कमलनाथ के आवास पर ही यह बैठक रखी गई थी। सीएम कमलनाथ का कहना था कि वचन पत्र में जो वादे किए गए हैं वो 5 साल के लिए हैं। उन्हें समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। जबकि सिंधिया इससे सहमत नहीं थे।

सोनिया गांधी से की थी सिंधिया की शिकायत..।

नई दिल्ली प्रवास के दौरान शुक्रवार को सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने सिंधिया के बर्ताव को लेकर सोनिया गांधी के समक्ष नाराजगी जताई थी। कमलनाथ ने सिंधिया पर सरकार विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि इसी के बाद समन्वय समिति की बैठक बुलाकर दोनों नेताओं के बीच मतभेद सुलझाने की पहल कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर की गई थी। लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

ये कहा था सिंधिया ने…

मप्र में अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। गुरुवार को टीकमगढ़ में अतिथि शिक्षकों की सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि कांग्रेस के वचन पत्र में उनकी मांग को लेकर जो वचन दिए गए हैं वे पूरे नहीं हुए तो वे भी अतिथि शिक्षकों के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे। वे उनकी ढाल और तलवार बनेंगे। सिंधिया के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई थी।

आपको बता दें कि सिंधिया किसान कर्ज माफी और बाढ़ राहत सर्वे में देरी को लेकर भी कमलनाथ सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं। अब अतिथि शिक्षकों की मांगों को लेकर उन्होंने सरकार की घेराबंदी की है। हालांकि सीएम कमलनाथ के दो टूक जवाब के बाद सिंधिया क्या कदम उठाते हैं ये देखना दिलचस्प होगा।

( इमेज गूगल से साभार )

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