सुषमा दुबे के मालवी काव्य संग्रह गुड़धाणी का लोकार्पण

  
Last Updated:  June 17, 2025 " 12:25 am"

मालवी बोली में और अधिक लिखने, बोलने की जरूरत : डाॅ. दवे ।

इंदौर : मीठी बोली मालवी को जीवंत बनाए रखने के लिए इस बोली में और अधिक लिखने व बोलने की जरूरत है।

यह बात साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने कही। डाॅ.दवे वरिष्ठ लेखिका श्रीमती सुषमा दुबे के मालवी काव्य संग्रह गुड़धाणी के लोकार्पण समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। रविवार सुबह इंदौर प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागृह में विचार प्रवाह साहित्य मंच और पं श्रीधर जोशी स्मृति समिति के बैनर तले यह समारोह आयोजित किया गया था।

मुख्य अतिथि ख्यात लोकगायक पद्मश्री कालूराम बामनिया ने कहा कि बोली बड़ा सम्मान दिलाती है। हमें बोली को सम्मान देना आना चाहिए।

विशेष अतिथि श्रीमती माया बदेका ने कहा कि सौ बात कहने से एक बात लिखना अधिक महत्वपूर्ण है।

पुस्तक पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ लेखिका श्रीमती सुषमा व्यास राजनिधि ने पुस्तक ‘गुड़धाणी’ में शामिल काव्य रचनाओं को मालवा की सभ्यता, संस्कृति, रीति,रिवाज से जुड़ी प्रतिनिधि रचनाएं बताया। पुस्तक की लेखिका श्रीमती सुषमा दुबे ने कहा कि बचपन से जिसे बोलती आईं ऐसी अपनी मीठी बोली मालवी में पुस्तक लिखकर उन्हें आनंद की अनुभूति हो रही है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, लेखक और प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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