सोलह संस्कारों की मर्यादा ही समाज का असली श्रृंगार

  
Last Updated:  July 31, 2019 " 07:40 pm"

इंदौर: हमारी संस्कृति सनातन है। सोलह संस्कारों की मर्यादा ही समाज का असली श्रृंगार माना जाता है। हम उस देश के वासी हैं जहां रिश्तों की गांठ सात जन्मों के लिए बांधी जाती है। ये प्रेरक अमृत वचन मानस मर्मज्ञ पण्डित संजय कृष्ण त्रिवेदी ने व्यक्त किये। वे जबरन कॉलोनी जूनी इंदौर स्थित सकल पंच फूलमाली समाज की धर्मशाला में चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ और भक्ति महोत्सव में बोल रहे थे। इस दौरान रुक्मिणी विवाह प्रसंग धूमधाम से मनाया गया। कथा मंडप को विशेष रूप से सजाया गया था।
प्रारम्भ में विधायक आकाश विजयवर्गीय, उषा ठाकुर, संजय शुक्ला, पूर्व विधायक अश्विन जोशी और शोभा ओझा आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। संयोजक प्रकाश और योगेश बुडाना ने बताया कि 1 अगस्त को दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक सुदामा चरित्र के साथ कथा की पूर्णाहुति होगी। 5 बजे बाद यज्ञ हवन और महाप्रसादी का वितरण होगा।

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