इंदौर: हिंदी सेवी स्व.डॉ. आलोक कुमार रस्तोगी की स्मृति में स्थापित पहला राजभाषा हिंदी सेवी सम्मान भोपाल के डॉ. सुधीर कुमार साहू को प्रदान किया गया।
हिंदी परिवार, इंदौर के बैनर तले बुधवार शाम मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में आयोजित इस गरिमामय सम्मान समारोह की अध्यक्षता हिंदी साहित्य समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने की। उन्होंने डॉ. सुधीर कुमार साहू को राजभाषा हिंदी सेवी सम्मान से अलंकृत किया। सम्मान स्वरूप डॉ. साहू को शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र और पांच हजार रुपए श्रद्धा निधि भेंट की गई। हिंदी परिवार इंदौर के अध्यक्ष हरेराम वाजपेई और श्रीमती रजनी रस्तोगी भी इस दौरान मौजूद रहे।
हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा।
अपने सम्मान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए डॉ. सुधीर कुमार साहू ने कहा हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली संपर्क भाषा है। इसके विकास में गैर हिंदी भाषियों का भी अहम योगदान रहा है।
स्व. आलोक कुमार रस्तोगी के मित्र और सहयोगी रहें के के गर्ग ने इस मौके पर रस्तोगी को याद करते हुए राजभाषा अधिकारी के बतौर हिंदी के उत्थान में उनके योगदान को याद किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अरविंद जवलेकर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विभिन्न सरकारी संस्थानों में हिंदी के उपयोग को बढ़ाने और प्रचार – प्रसार में राजभाषा अधिकारियों की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने स्व. रस्तोगी की स्मृति में हिंदी सेवी पुरस्कार स्थापित किए जाने पर रस्तोगी परिवार व हिंदी परिवार इंदौर को बधाई दी।
प्रारंभ में तृप्ति मिश्रा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथि अरविंद जवलेकर और सम्मानित हिंदी सेवी डॉ. साहू का स्वागत रस्तोगी परिवार के सदस्यों ने किया। स्वागत उद्बोधन हरेराम वाजपेई ने दिया। कार्यक्रम का संचालन संतोष मोहंती ने किया। आभार सदाशिव कौतुक ने माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, हिंदी परिवार के सदस्य, प्रबुद्धजन और रस्तोगी परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।