भोपाल : इंदौर से भोपाल तक सत्ता, सियासत और प्रशासन तन्त्र में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले पर पर्दा डालने का खेल शुरू हो गया है। इस मामले की धुरी मानी जा रही आरोपी महिलाओं से पुलिस रिमांड के दौरान की गई पूछताछ में नेता, अधिकारी, ठेकेदार और रसूखदारों की अय्याशी और गठजोड़ का जो चित्र सामने आया है उसने पक्ष हो या विपक्ष सबकी नींद उड़ा दी है। आरोपी महिलाओं के बयान और उनसे बरामद मोबाइल व लैपटॉप में जिसतरह के वीडियो मिलने की बात कही जा रही है उसने सफेदपोशों के असली घिनौने चेहरों को उजागर किया है। तबादले, पोस्टिंग, टेंडर और ठेके लेने- देने में किसतरह सुरा, सुंदरी और पैसों का इस्तेमाल होता है उसकी कड़वी हकीकत हनी ट्रैप मामले ने सामने लाई है। इस हमाम में सब वस्त्रहीन हैं। हमारा सिस्टम कितना सड़ा- गला, भ्रष्ट और नाकारा हो गया है यह इस मामले से पता चलता है। माना कि आरोपी महिलाओं ने अपनी सुंदरता को हथियार बनाकर नेता, अधिकारियों से अपनों को उपकृत करवा लिया। उनसे लाखों रुपए हथिया लिए। ब्लैकमेल किया। पर क्या इससे वो नेता और बड़े अधिकारी दूध के धुले हो जाते हैं जिन्होंने अपनी बहन- बेटियों की उम्र की लड़कियों को कुचलने- मसलने और अय्याशी करने में जरा भी संकोच नहीं किया। आम जनता पर अपने पद और रसूख का रौब जमाने वालों का चरित्र कितना गिरा हुआ है यह दुनिया को पता चल गया है। पहले जो सत्ता में बैठे थे वो और आज जो सत्ता में हैं सब जानते हैं कि हनी ट्रैप के मायाजाल से कोई भी अछूता नहीं है। दामन सभी का दागदार है। शायद इसीलिए फजीहत से बचने की कवायद शुरू हो गई है। एसआईटी में दूसरी बार बदलाव कर संजीव शमी जैसे ईमानदार और दबंग अधिकारी को हटा देना इसी कवायद का हिस्सा कहा जा सकता है। जांच के नाम पर लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया जाएगा। मामले में लिप्त किसी भी नेता या अधिकारी का नाम अब सामने आ पाएगा इसके आसार बहुत कम रह गए हैं। मीडिया में भी थोड़े दिनों के बाद यह मामला सुर्खियों से गायब हो जाएगा लेकिन सत्ता,सियासत और तंत्र के चेहरे पर जो कालिख पुती है वह आसानी से नहीं धुलेगी।
हनी ट्रैप मामले पर पर्दा डालने की शुरू हुई कवायद…?
Last Updated: October 2, 2019 " 11:51 am"
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