ग्राहकों के हितों का सरंक्षण कानून से नहीं, जागरूकता से होगा।
एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा होना चाहिए : सबनीस।
इंदौर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के केंद्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस का कहना है कि ग्राहक के हितों का संरक्षण कानून से नहीं बल्कि ग्राहक की स्वयं की जागरूकता से होगा।हमें जीडीपी पर नहीं ग्राहक संतुष्टि का इंडेक्स बनाने पर ध्यान देना होगा । विभिन्न वस्तुओं की एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा की जरूरत है ।
श्री सबनीस शनिवार शाम जाल सभागृह में अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित 62 वी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला का शुभारंभ करते हुए पहले दिन ‘ग्राहक की जागरूकता ही देश की उन्नति’ विषय पर अपने विचार रख रहे थे।
लोभ और लालच बढ़ा तो कानून की जरूरत पड़ी।
उन्होंने कहा कि पुरातन समय में भारत के लोगों में नैतिकता थी । ऐसे में ग्राहक कानून की आवश्यकता हमारे देश में महसूस नहीं हुई। वस्तु का विक्रय करने वाला व्यक्ति यह ध्यान रखता था कि खरीददार के पास कम वस्तु नहीं जाएं। कालांतर में हमारे देश में भी लोभ और लालच आ गया तो फिर ग्राहक कानूनों की आवश्यकता महसूस होने लगी ।
उन्होंने कहा कि ग्राहक की जेब से ज्यादा पैसे कैसे निकालूं , इसके बजाय ग्राहक का ध्यान रखने वाले की ग्राहकी ज्यादा चलती है। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि लालच के वशीभूत होकर दूसरों के जीवन से भी खिलवाड़ करने लगे हैं। अब केमिकल से दूध, मावा और पनीर तैयार किया जाने लगा है। हमारे संगठन की पहल पर देश में ग्राहक कानून बनवाया गया । इसके बाद इस कानून का पालन कराने के लिए दूसरे संगठन आगे आएं।
दर्शकों को पानी नि:शुल्क उपलब्ध करवाया।
श्री सबनीस ने कहा कि जिला स्तर पर फोरम कार्य कर रही है। उनका कार्य केवल 10% है । उन्होंने कहा कि इंदौर में आईपीएल के मैच में पानी की बोतल ₹50 और ₹100 में बेची जा रही थी । हमारे संगठन द्वारा इस पर आपत्ति ली गई । कलेक्टर द्वारा आदेश दिया गया कि क्रिकेट के मैच में पानी की बोतल कोई भी दर्शक अपने घर से नहीं लाएगा । हमने कहा कि इतनी महंगी कीमत पर पानी की बोतल दर्शक नहीं खरीदेंगे । पानी मुफ्त में पाना दर्शक का अधिकार है । उसके बाद में फिर इंदौर के स्टेडियम में पानी मुफ्त में मिलने लगा । स्टेडियम में दर्शकों को नाश्ते के रूप में दी जाने वाली सामग्री की कीमत का डिस्प्ले करने की भी हमने मांग उठाई । इसका यह परिणाम हुआ कि स्टेडियम में बैठे 40000 लोगों के साथ मुनाफाखोरी नहीं की जा सकी । इंदौर जिस तरह से स्वच्छता में नंबर वन है , उसी तरह से मुनाफाखोरी को रोकने में भी नंबर एक बन सका है।
ग्राहक को खुद जागरूक होना होगा।
सबनीस ने कहा कि ग्राहकों के संरक्षण के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा । जब तक ग्राहक खुद जागरूक नहीं होगा तब तक कोई कानून उसे शोषण से नहीं बचा सकेगा । उन्होंने मैनेजमेंट की 6 एफ थ्योरी सामने रखी । उन्होंने कहा कि इसमें तीन बार एफ से आशय फ्यूचर, फीयर और फैशन है । हमें किसी के द्वारा भविष्य को लेकर दिखाए जाने वाले सपने पर भरोसा नहीं करना चाहिए । किसी भी विज्ञापन में दी गई जानकारी के आधार पर डरना नहीं चाहिए और फैशन के नाम पर सब कुछ स्वीकारना नहीं चाहिए।
जीडीपी से ज्यादा ग्राहक संतुष्टि इंडेक्स बनाने की जरूरत।
सबनीस ने कहा कि हमें जीडीपी से ज्यादा ग्राहक संतुष्टि का इंडेक्स बनाने की जरूरत है। इसी के साथ एमआरपी के निर्धारण पर भी चर्चा किए जाने की आवश्यकता है । आज हालत यह है कि मनमाने तरीके से एम आर पी तय होती है और मनमानी कीमत पर वस्तुएं बेची जाती है । इस स्थिति पर नियंत्रण जरूरी है।
ऑनलाइन की बजाय स्थानीय दुकानदार से करें खरीददारी।
सबनीस ने सायबर ठगी से बचने के लिए ऑनलाइन की बजाय स्थानीय दुकानदार से खरीददारी पर जोर दिया। उनका कहना था कि स्थानीय दुकानदार द्वारा अनियमितता किए जाने पर उससे जवाब – तलब किया जा सकता है। ऑनलाइन खरीददारी में हम ये भी नहीं जानते की असल विक्रेता कौन है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत तपेंद्र सुगंधी, नयनी शुक्ला, पीसी शर्मा, अशोक मित्तल, गौरव संचार, डॉक्टर पल्लवी अढाव ने किया । कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया । अतिथियों को स्मृति चिन्ह पूर्व आईजी मदन राणे ने भेंट किए । अंत में आभार प्रदर्शन अशोक बड़जात्या ने किया।