इंदौर : कोरोना संक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट में ही सुनवाई होगी। सोमवार को जबलपुर हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ मप्र एके मित्तल और विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूछा जब इंदौर हाई कोर्ट मेें अधिकांश न्यायमूर्तिगण सुनवाई कर रहे हैं तो किसकी इजाजत से यह याचिका इंदौर से जबलपुर शिफ्ट की गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील अंशुमान श्रीवास्तव और महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव से सवाल किए, क्या आपने याचिका शिफ्ट करने का आवेदन दिया था, दोनों पक्षों के इनकार करने के बाद कोर्ट ने इंदौर हाई कोर्ट मे जनहित याचिका पर सुनवाई के आदेश दिए। हालांकि महाधिवक्ता कौरव ने अप्रैल में कोरोना से जुड़़ी याचिकाओं की सुनवाई जबलपुर में करने से जुड़े नोटिफिकेशन की जानकारी कोर्ट को दी, इस पर चीफ जस्टिस ने कहा इस याचिका में सिर्फ कोरोना नहीं बल्कि खरीद में भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी का मामला भी शामिल है इसलिए याचिका पर वहीं सुनवाई होगी। 8 सितंबर को याचिका पर इंदौर में अगली सुनवाई होगी।
इंदौर में कोरोना संक्रमण के फैलने, पिछले पांच महीने के बाद भी कंट्रोल नहीं होने, संक्रमितों और मृतकों के आंकड़ों में गड़बड़ी, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोनो को लेकर की गई खरीदी में भ्रष्टाचार, केंद्र के प्रतिबंध के बावजूद लॉकडाउन में गुटखा और पान मसाला सप्लाय की अनुमति सहित अन्य मुद्दों को लेकर यह याचिका दायर की गई है। 20 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में इंदौर हाई कोर्ट की युगल पीठ ने शासन को दो सप्ताह में याचिका पर अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। सूचना के अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे ने एडवोकेट अंशुमान के माध्यम से यह याचिका दायर की है।