इंदौर : रेमडेसीवीर की चोरी और कालाबाजारी के पिछले एक माह में सैकड़ों प्रकरण सामने आए हैं। जिनमे पुलिस के हाथ कई असली रेमडेसिविर और अन्य जीवनरक्षक दवाएं हाथ लगी हैं। यह इंजेक्शन और दवाएं थानों में रखे रखे खराब हो रही हैं।
इसी को लेकर हाईकोर्ट एडव्होकेट आशुतोष शर्मा के माध्यम से पत्रकार लखन शर्मा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका को संज्ञान में लेकर आदेश पारित करते हुए सभी जिलों के सीएमएचओ को तीन दिन में थानों में रखे असली रेमडेसीवीर अपनी कस्टडी में लेने को कहा है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने बताया कि याचिका और स्वत:- संज्ञान याचिका मे इंटरविनर बनने के पश्चात् हमने एक महत्व पूर्ण बिंदु उठाया है जिस और किसी का ध्यान नही जा रहा था। रेमडेसिविर की कालाबाजारी और चोरी तो हो रही है परंतु उसमे जब्त हो रही बहुमुल्य और कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों पर कारगर दवाई पुलिस की कस्टडी मे खराब हो रही है जिसका उपयोग आज के परिदृश्य मे जनता के उपयोग के लिए होना अत्यंत आवश्यक है।
हमने न्यायालय के समक्ष ये बिंदु प्रस्तुत किए हैं की private हॉस्पिटल में मरीजों को सरकार उनके अनुसार रेमडेसिविर injection उपलब्ध नहीं कर पा रही है तो प्रशासन इन जीवन रक्षक दवाइयों को अपनी सुपुर्दगी में लेकर उचित तरीके से जनता के उपयोग में ले । ताकि जितने भी डोज प्राप्त हो उनसे प्रदेश मे कितने ही गंभीर मरीजों का जीवन बचाया जा सकता है। याचिका पर सुनवाई के बाद
उच्च न्यायालय ने समस्त जिलों के Cmho को उक्त इंजेक्शन को अपने सुपुर्दगी मे लेने का आदेश दिया है और इन दवाइयों की फॉरेंसिक जांच के बाद जनता के लिए उपयोग मे लेने को कहा है। अधीनस्थ न्यायालयों को CMHO द्वारा लगाई जाने वाली अर्जी को तीन दिन के भीतर निर्णीत करने का आदेश दिया है।इस प्रकार के जब्त रेमदेसीवीर injection के उपयोग से कितने ही जीवन को बचाया जा सकता है।