हाथरस की घटना से जुड़े सवालों से घबराए केंद्रीय मंत्री पत्रकार वार्ता से करने लगे पलायन…!

  
Last Updated:  October 2, 2020 " 06:25 pm"

इंदौर : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत शुक्रवार शाम पत्रकार वार्ता के दौरान हाथरस और अन्य स्थानों पर हुई दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर पूछे गए सवालों पर असहज हो गए और उठकर जाने लगे। बमुश्किल वे पुनः लौटे और कृषि सुधार कानूनों से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

सवालों की बौछार से घबराए केंद्रीय मंत्री।

दरअसल केंद्रीय मंत्री गहलोत हाल ही में संसद पारित कृषि सुधार कानूनों के बारे में पत्रकार वार्ता के जरिये जानकारी दे रहे थे। जैसे ही उनकी बात पूरी हुई, पत्रकारों ने हाथरस की घटना को लेकर सवाल दागना शुरू कर दिए। मंत्रीजी इसके लिए तैयार नहीं थे और न ही उनके पास पुख्ता जानकारी थी। इसके चलते वे सवालों के जाल में उलझ गए।

एसआईटी कर रही है जांच।

केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत का कहना था कि यूपी सरकार ने हाथरस की घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपए की मदद योगी सरकार ने उपलब्ध कराई है। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके पूरे प्रयास यूपी सरकार कर रही है।

राजस्थान में यूपी से ज्यादा केस।

केंद्रीय मंत्री गहलोत ने दावा किया कि कांग्रेस शासित राजस्थान में यूपी से ज्यादा दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं, उसपर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता। योगी सरकार ने तो मामले में त्वरित कार्रवाई की है।

सामाजिक न्याय मंत्रालय देता है मदद।

केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि उनका सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय दुष्कर्म के मामलों में सम्बंधित राज्यों से रिपोर्ट मिलने के बाद एससी- एसटी वर्ग की पीड़िताओं को सवा 8 लाख रुपए तक की मदद मुहैया करवाता है।

ज्यादातर सवालों से काटी कन्नी।

पत्रकारों के ये पूछने पर की पीड़िता का शव रात के अंधेरे में क्यों जलाया गया..? पीड़िता के गांव में मीडिया को प्रवेश से क्यों रोका गया..? यूपी सरकार आखिर क्या छुपाना चाहती है..? इन सारे सवालों पर जानकारी नहीं होने की बात कहकर केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कन्नी काट ली। मप्र के खरगौन में हुई दुष्कर्म की घटना से भी उन्होंने अनभिज्ञता जताई।

कानून में कोई कमीं नहीं है।

ये पूछे जाने पर की क्या कानून में कहीं कोई कमीं रह गई है जिसके चलते दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं… ? इसपर केंद्रीय मंत्री गहलोत का कहना था कि 2012 में हुए निर्भया केस के बाद कानून काफी कड़े कर दिए गए हैं। जिनमें मृत्युदंड तक का प्रावधान है। अतः कानून में कहीं कमीं नहीं है। जो भी दुष्कर्म के आरोपी हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।

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