हार्ट अटैक आने पर सीपीआर देकर बचाई जा सकती है व्यक्ति की जान

  
Last Updated:  February 25, 2024 " 09:15 pm"

माधव सृष्टि चमेली देवी मेडिकल सेंटर में मरीज व परिजनों को लाइव डेमो के जरिए दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण।

इंदौर : वर्तमान समय में जिस तरह हार्ट अटैक से मौतों की तादाद बढ़ रही है, उसको देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर की जानकारी व प्रशिक्षण देना जरूरी हो गया है। इससे हार्टअटैक आने पर संबंधित व्यक्ति की जान बचाई जा सके।इसी बात को देखते हुए माधव सृष्टि चमेलीदेवी अग्रवाल मेडिकल सेंटर में Cardio Pulmonary Resuscitation(CPR) प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

सीपीआर देकर बचाई जा सकती है जान।

अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. विनीत शर्मा और उनकी टीम ने इस मौके पर लाइव डेमो के जरिए किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर किस तरह सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है, इसकी जानकारी व प्रशिक्षण दिया। डॉ. शर्मा ने बताया कि हृदयगति रुकने पर 3 से 4 मिनट में हृदय को गति देने का प्रयास किया जा सकता है। सख्त जगह पर मरीज को लिटाकर दोनो हथेलियों को मिलाकर हृदय स्थान पर लगभग 2 इंच का हू दबाव देना, 30 दबाव के बाद 2 मुंह से श्वास देना, ऐसा एंबुलेंस आने तक करना चाहिए। यह टीम वर्क है, जो सभी को आना चाहिए। इसके पहले देख लें पेशेंट सिर्फ बेहोश तो नहीं है। इस दौरान मुंह में चम्मच न डाले या मुंह से पानी ना पिलाए। वयस्कों में मृत्यु हृदय रुकने से तो बच्चों में श्वास रुकने से होती है।

जीवन शैली में बदलाव कर हार्ट अटैक से बचे।

डॉ. विनीत शर्मा ने बताया कि हृदय 60 वर्ष की औसत आयु में लगभग 2 अरब 50 करोड़ बार धड़कता है। यह अनैच्छिक मासपेशी से बना होता है जो निरंतर हमारी सेवा करता है। हमे भी हृदय का ध्यान रखना चाहिए, जिसके लिए जीवन शैली में बदलाव की महती आवश्यकता है। खासकर जंक फूड से जहां तक संभव हो दूरी बनाएं।

200 से अधिक पेशेंट्स, उनके परिजन और कार्यकर्ताओं ने उपस्थित रहकर सीपीआर का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

कार्यक्रम में अतिथि स्वागत पुरुषोत्तम गुप्ता, मनीषी श्रीवास्तव, कमल सियाल, संजय चराते ने किया। संचालन डॉ. संजय लोंढे ने किया।

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