इंदौर : होलिका दहन के लिए किष्किंधा धाम की गौशाला में गोपाष्टमी से बनाए जा रहे गोबर के एक लाख कंडों को होलिका दहन के लिए सुरक्षित रखा गया था। शहर की होलिका दहन समितियों एवं अन्य संगठनों के माध्यम से उनका निःशुल्क वितरण भी किया जाना था लेकिन राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के निर्देश पर होलिका दहन प्रतिबंधित किए जाने से लगभग 60 हजार कंडे पंचकुइया मोक्षधाम पहुंचा दिए गए। इनका उपयोग मोक्षधाम पर आने वाले शवों के अंतिम संस्कार में किया जा सकेगा।
अग्रवाल संगठन के रजत गर्ग, किष्किंधा धाम के गिरधारीलाल गर्ग एवं राजेंद्र गर्ग ने बताया कि गोपाष्टमी पर्व से ही गोबर के कंडों का निर्माण शुरू कर दिया गया था। उद्देश्य यही था कि देश में स्वच्छता में नंबर वन का खिताब पाने वाले शहर को होलिका दहन में भी प्रदूषण रहित शहर का गौरव मिल सके तथा वनोपज की बचत हो सके। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह भी एक महत्वपूर्ण कदम होता। संगठन ने इसके लिए एक लाख कंडों का निःशुल्क वितरण करने की योजना बनाई थी। 25 मार्च से इन कंडों के वितरण की पर्चियां शहर के पश्चिमी क्षेत्र के करीब 25 से अधिक संगठनों को बांटी जा चुकी थी लेकिन शनिवार को शाम 5 बजे तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो किष्किंधा धाम से तीन ट्रक भरकर लगभग 60 हजार कंडे पंचकुइया मोक्षधाम पहुंचा दिए गए। इस अवसर पर हरिद्वार से आए कैलाश गुरू, समाजसेवी मुकेश खाटवा, अविनाश भाटी भी उपस्थित थे जिन्होंने इस निर्णय की खुले मन से प्रशंसा की। किष्किंधा धाम के गिरधारीलाल गर्ग एवं भक्त मंडल के राजेंद्र गर्ग ने बताया कि शेष 40 हजार कंडे शहर के अन्य मुक्तिधामों पर पहुंचाए जाएंगे।