10 से अधिक बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किए जाने पर निरस्त होगा वाहन का पंजीयन

  
Last Updated:  July 2, 2025 " 02:50 pm"

कलेक्टर आशीष सिंह ने दिए निर्देश।

वाहन चालकों की सुविधा को देखते हुए सिग्नलों का होगा समय तय।

मोडिफाई वाहनों के विरूद्ध होगी कार्रवाई।

कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली।

इंदौर : आए दिन लगने वाले जाम को देखते हुए शहर में यातायात सुधार की मुहिम को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने बैठक में यातायात सुधार, इंटेलिजेंट इंटिगेट्रड ट्रॉफिक मैनेजमेंट ‍सिस्टम (ITMS) प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और ई-चालान के भुगतान की प्रक्रिया को सरलीकृत करने व ट्रॉफिक सिग्नलों के समय में सुधार के संबंध में व्यापक चर्चा की।
बैठक में तय किया गया कि इंदौर में 10 से अधिक बार यातायात नियमों का उल्लघंन करने वाले आदतन वाहन चालकों के वाहनों के पंजीयन निरस्त किये जाएंगे। मोडिफाई वाहनों के विरूद्ध चल रही कार्रवाई को और तेज किया जाएगा। ट्रॉफिक सिग्नलों के समय में भी आवश्यक सुधार किया जाएगा।

बैठक में स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा सहित यातायात पुलिस, एनआईसी, कोषालय सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए कि यातायात नियमों का 10 से अधिक बार उल्लंघन करने वाले आदतन वाहन चालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए उनके वाहनों के पंजीयन निरस्त किये जाएं, इसके लिए उन्होंने यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि इंदौर शहर के बीआरटीएस क्षेत्र के चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नलों को वाहन चालकों की सुविधा के अनुसार बनाया जाए। इसके लिये सिग्नलों का समय, वाहन चालकों की सुविधा एवं यातायात दबाव के अनुसार निर्धारित किया जाए। वाहन चालकों को सिग्नल के कारण किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। बारिश के समय यह ध्यान रखा जाए कि सिग्नल किसी भी तरह से बंद नहीं हो। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए कि मोडिफाई वाहनों के विरुद्ध चल रही कार्रवाई को तेज किया जाए।

कलेक्टर आशीष सिंह ने (ITMS) के तहत चालान की राशि जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे विकल्प रखे जाएं की चालान के साथ ही क्यूआर कोड आ जाए और वाहन चालक आसानी से चालान की राशि भुगतान कर सके। इसके लिए उन्होंने वरिष्ठ कार्यालय को प्रक्रिया सरल बनाने के संबंध में पत्र लिखने के निर्देश भी दिए।

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