13 विभिन्न करों का सम्मिलित रूप है जीएसटी- सीए शर्मा

  
Last Updated:  October 7, 2021 " 09:43 pm"

इंदौर : आरपीएल महेश्वरी कॉलेज में जीएसटी को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया। सीए अभय शर्मा सेमिनार में मुख्य वक्ता के बतौर मौजूद रहे।
उन्होंने सन्दर्भित विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पूर्व पीएम स्व.अटल जी द्वारा प्रारंभ किया गया कार्य मोदी जी के 14 वर्षों के सार्थक प्रयास से 1 जुलाई 2017 को जीएसटी के रूप में परिणित हुआ ।जीएसटी 13 विभिन्न करों का सम्मिलित रूप है, जिसमें’ एक कर एक राष्ट्र ‘की विचारधारा को व्यवहारिक रूप में देश के सामने रखा गया है। करों की विभिन्न संरचना, प्रकार व लागू होने की कठिन प्रक्रिया को ठीक करना ही जीएसटी लागू करने का मुख्य उद्देश्य था। जीएसटी के माध्यम से कर चोरी, करों का दोहराव जैसी समस्याओं को दूर किया गया।
सीए अभय शर्मा ने कहा कि जीएसटी से एक ओर व्यापारियों को कर अनुपालन में आसानी हुई वहीं पूरे भारत में अपनी पहुँच का भी एहसास हुआ। यही कारण था कि लॉकडाउन के बावजूद प्रतिमाह एक लाख करोड़ से ज़्यादा का कर संग्रह जीएसटी अकाउंट में सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के कारण देश में हर वर्ष लाखों टैक्स प्रोफ़ेशनलस की आवश्यकता होगी, अतः स्टूडेंट्स को इस दिशा में केरियर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
सीए अभय शर्मा ने जीएसटी को बहुत ही रोचक व सरल तरीके से विद्यार्थियों के समक्ष रखा। अप्रत्यक्ष कर प्रणाली संरचना पंजीयन, कर चुकाने का दायित्व इनवॉइस प्रक्रिया, कर के क्षेत्र, कर मुक्त क्षेत्र आदि तथ्यों को स्लाइड्स के द्वारा समझाया जिसे विद्यार्थियों ने बहुत ध्यान पूर्वक देखा व सुना।

सेमिनार में सुप्रसिद्ध समाजसेवी हरीश विजयवर्गीय मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे । उन्होंने सीए की तुलना हृदय से करते हुए समाज में सीए का महत्व बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार झालानी ने की। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती पूजन से हुआ ।अतिथियों का स्वागत प्राचार्य और विभागाध्यक्ष डॉ संजीव जटाले ने किया तिलक स्वागत प्रो.नमिता सुराणा ने किया। अतिथि परिचय प्रो.अर्निका काबरा ने किया। कार्यक्रम का संचालन टैक्स डिपार्टमेंट हेड डॉ. अंजना गोरानी ने किया। आभार डिप्टी हेड प्रोफेसर अद्विता खंडेलवाल ने माना।

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