इंदौर : लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 229 वी पुण्यतिथि आस्था और श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई। इस मौके पर मां अहिल्या की भव्य पालकी यात्रा भी निकाली गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पालकी यात्रा में शिरकत कर पालकी को अपने कांधे पर कुछ दूर तक ले गए। ये मां अहिल्या का ही पुण्य प्रताप था कि घनघोर बरस रहे बादल पालकी यात्रा प्रारंभ होते ही थम गए। रविवार शाम गांधी हॉल से पालकी यात्रा की शुरुआत हुई। होलकारकालीन राजसी ठाठबाट के साथ निकली इस पालकी यात्रा में होलकर राजाओं की वेशभूषा में युवा घोड़ों पर सवार थे। देवी अहिल्याबाई के शासनकाल में महिला सशक्तिकरण को दर्शाती बालिकाएं भी पारंपरिक परिधानों में घोड़ों पर सवार होकर आगे चल रहीं थी। अखाड़ों के कलाकार हैरतंगेज करतब दिखा रहे थे वहीं ढोल – ताशा पथक अपने सांस्कृतिक वैभव की बानगी पेश कर रहे थे। बैंड बाजों की धुन और देशभक्ति परक गीत, माहौल में वीर रस का संचार कर रहे थे। विभिन्न समाजों की झांकियां यात्रा में आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। भक्तजन माता अहिल्या की पालकी को अपने कांधों पर उठाए चल रहे थे।पुलिस के जवान पालकी के चारों ओर रस्सी से सुरक्षा घेरा बनाए हुए थे। लोगों में पालकी के दर्शन – पूजन की होड़ मची रही। मार्ग में लगे कई मंचों से पालकी यात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। पालकी यात्रा एमजी रोड, कृष्णपुरा छत्री, फ्रूट मार्केट, राजवाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। अंत में प्रसाद वितरण किया गया। पालकी यात्रा में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पूर्व पार्षद सुधीर देडगे, शरयु वाघमारे, अशोक डागा सहित कई विशिष्ट जन और बड़ी संख्या में शहर के नागरिक शामिल हुए।
229 वी पुण्यतिथि पर देवी अहिल्याबाई की धूमधाम से निकली पालकी यात्रा
Last Updated: September 2, 2024 " 10:36 pm"
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