बाल नाट्य महोत्सव की रंगारंग शुरुआत

  
Last Updated:  June 7, 2019 " 04:09 pm"

इंदौर:मुक्त संवाद के बैनर तले आयोजित हिन्दी व मराठी बाल रंगकर्म पर केंद्रित प्रदेश के सबसे बडे तीन दिवसीय हिन्दी व मराठी बाल नाट्य महोत्सव का रंगारंग शुभारम्भ लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने किया। बृहन्महाराष्ट्र मंडल के कार्याध्यक्ष मिलिन्द महाजन एवं शिक्षाविद सिद्धार्थ सिंह इस दौरान विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहे। ए बी रोड राऊ स्थित एमराल्ड हाईट्स स्कूल के सभागृह में आयोजित बाल नाट्य महोत्सव में पहले दिन बाल कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए बडी संख्या में नाट्य रसिक दर्शक उपस्थित थे ।
बाल नाट्य महोत्सव की शुरुआत में ललित कला परिसर के बाल कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से रंगमंच और कला के देवता श्री गणेश जी की वंदना की । इसके पश्चात एमराल्ड हाईट्स की छात्रा अदिति माने और सानीता कापरे ने ओडिसी और भारत नाट्यम के फ्यूजन के जरिए श्री गणेश की स्तुति की । गणेश वंदना के बाद पहले दिन तीन बाल नाटकों का मंचन हुआ जिसमें दो हिन्दी और एक मराठी नाटक शामिल थे ।
पहली प्रस्तुति थी ललित कला परिसर के बाल नाटक “ एक था गधा उर्फ अलादाद खां “ प्रसिद्ध व्यंग्य लेखक शरद जोशी के लिखे हुए इस नाटक का निर्देशन ललित पानेरी ने किया । 32 से अधिक बाल कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय के जरिए ना सिर्फ लोगों को हंसाया बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर किया कि सिर्फ विरासत में सत्ता या नवाबी मिलने से ही किसी राजा में योग्यता नहीं आती है बल्कि इसके लिए बुद्धि का होना भी जरुरी है । राज्य का कोतवाल नवाब के पास देरी से पहुंचने पर उससे कारण पूछता है तो कोतवाल कहता है कि अलादाद खां कि मौत होने की वजह से गमी में जाने के कारण उसे देरी हुई है तब नवाब बगैर विचार किए अलादाद की मृत्यु के शोक मे सारे राज्य में 13 दिन का राजकीय शोक घोषित करता है बाद में पता चलता है कि अलादाद खां तो धोबी के गधे का नाम है । तब नवाब अपनी बदनामी से बचने के लिए अनेक हास्यजनक उपाय करता है । कई वर्षों पूर्व शरद जोशी द्वारा लिखे गए इस नाटक की परिस्थितियां अब भी देश में मौजुद राजनीतिक वातावरण से मेल खाती है इसलिए दर्शकों को और अधिक आनंद आया। पहले दिन की
दूसरी प्रस्तुति थी संस्था नाट्य रंजन सिलिकॉन सिटी के मराठी नाटक “ दे धमाल “ की । मधुसूदन जठार द्वारा निर्देशित इस नाटक में 18 बाल कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। नाटक में काम कर रहे अधिकांश बाल कलाकारों की उम्र 10 वर्ष से कम ही थी इसलिए उनके द्वारा बोले जा रहे डॉयलॉग और उनका अभिनय दर्शकों को एकदम सहज लग रहा था । नाटक में हास्य व्यंग्य तो था ही साथ ही बच्चों के लिए यह संदेश भी था कि तन- मन और बुद्धि को स्वस्थ रखना है तो खान पान की अच्छी आदतों को अपनाना ही होगा । हनुमानजी धरती पर बच्चों के बीच आते हैं तो देखते हैं कि बच्चे लगातार बीमार पड रहें हैं , माता- पिता परेशान हैं और उनकी इस परेशानी का फायदा डॉक्टर जमकर उठा रहें हैं । तब हनुमानजी सभी बच्चों को एकत्र कर उन्हें स्वस्थ रहने के तरीके बताते हैं वे बताते हैं कि योग ,आसन प्राणायाम करो , हरी सब्जियां फल आदि का सेवन करें सुबह जल्दी उठे । बच्चे उनकी बात ध्यान से सुनते हैं और प्रण लेते हैं कि अब वे अपनी सारी बुरी आदतें छोड देंगे । आज की तीसरी और अंतिम प्रस्तुति कैट स्टॉफ क्लब के हिन्दी नाटक “ तोता –मैना” की । श्रुतिका कलमकर द्वारा निर्देशित इस नाटक में 13 बाल कलाकारों ने मंच पर अभिनय किया । श्रुतिका स्वयं भी उच्च दर्जे की रंगमंच अभिनेत्री है इसलिए बाल कलाकारों पर भी उसका प्रभाव स्पष्ट दिख रहा था उन्होंने नन्हें मुन्ने कलाकारों से मंच पर कमाल का अभिनय करवा लिया । तोता और मैना बने कलाकार किसी मंझे हुए कलाकार की तरह अभिनय करते नजर आए । तोता मैना गांव वालों को छोटे- छोटे किस्से कहानियां सुनाकर जागृत करते है और उन्हें शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे उन्हें बताते हैं कि आपसी नफरत छोड एक दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए ।
बाल नाट्य महोत्सव में दूसरे दिन 8 जून को 13 नाटकों की प्रस्तुतियां होंगी जिसमें 5 मराठी व 8 हिन्दी बाल नाटक शामिल हैं । दूसरे दिन की प्रस्तुतियां दोपहर 1.30 बजे से प्रारम्भ होगी । इसी दिन शाम 6.50 बजे पुणे के कलाकारों द्वारा पु ल देशपांडे लिखित नाटक “चितले मास्तर” की प्रस्तुति भी दी जाएगी।

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