इंदौर : दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का सामना किया जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बनी 97 वर्षीय शांतिबाई दुबे, जो अपनी इच्छा शक्ति के सहारे कोरोना को मात देकर तमाम कोरोना पीड़ितों के लिए मिसाल बन गई।
उज्जैन निवासी शांतिबाई दुबे को कोरोना संक्रमण के कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन 80 प्रतिशत तक बढ़ गया था।
उन्हें 8 अप्रैल को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया और उचित उपचार उपलब्ध कराया गया। बेहतर उपचार और अपनी मानसिक दृढ़ता के दम पर शांतिबाई दुबे ने कोरोना को परास्त कर दिखाया। उन्हें पूर्णतः स्वस्थ होने के पश्चात बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि शांतिबाई का जन्म 1925 में रामनवमी के दिन हुआ था और इसी दिन कोरोना को हराकर वे घर लौटी।
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