दृष्टिहीन बालिकाओं ने एक साथ आकर किया मतदान।
दोनों हाथों से महरूम विवेक और देखने, बोलने में असमर्थ गुरदीप ने भी किया अपने मताधिकार का प्रयोग।
दिव्यांगों ने संभाली एक मतदान केंद्र की व्यवस्था।
इंदौर : शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए संपन्न हुए मतदान में दिव्यांगजन भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपनी जीवटता से साबित किया कि हम भी किसी से कम नहीं हैं।
दृष्टिहीन बालिकाओं ने भी लोकतंत्र के महायज्ञ में निभाई भागीदारी।
ग्रीन फील्ड स्कूल में बनाए गए सुगम्य मतदान केन्द्र में महेश दृष्टिहीन कल्याण संघ की 60 दृष्टिहीन बालिकाओं ने एक साथ आकर मतदान किया। इनमें से अधिकांश बालिकाओं ने पहली बार मतदान किया। उन्होंने अभिभूत होकर कहा कि लोकतंत्र के महायज्ञ में मतदान कर हमने भी अपना योगदान दिया है। हम भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनायेंगे। उन्होंने मतदान केन्द्रों में उपलब्ध करायी गई सुविधाओं की भी सराहना की।
दिव्यांग गुरदीप कौर वसु ने समाज को दिखाई राह।
इंदौर की गुरदीप कौर वसु भले ही नेत्रों से दिव्यांग हों और बोलने में असमर्थ हों लेकिन उन्होंने वोट डाल कर समाज को राह दिखाई। उन्होंने मताधिकार का अपना कर्तव्य निभाकर शेष समाज को अपना कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित किया।
दोनों हाथों से महरूम होकर भी किया मतदान।
मतदान को लेकर जागरूकता का उदाहरण दिव्यांग विक्रम अग्निहोत्री ने भी पेश किया। दोनों हाथ नही होने के बाद भी अपना काम खुद करने वाले विक्रम अग्निहोत्री ने भी पैरों के सहारे अपने मताधिकार का उपयोग किया। उन्होंने साबित किया की जज्बा और जुनून हो तो कोई काम असंभव नहीं है।
दिव्यांगों ने संभाली मतदान केन्द्र की जिम्मेदारी।
इंदौर में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशानुसार दिव्यांगजन प्रबंधित मतदान केन्द्र बनाया गया था। यह मतदान केन्द्र किला मैदान स्थित महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या महाविद्यालय में बनाया गया था। इस मतदान केन्द्र में पीठासीन अधिकारी सहित मतदान अधिकारी क्रमांक-1 से लेकर 4 तक की जिम्मेदारी दिव्यांग कर्मचारी ही संभाल रहे थे।