विजयवर्गीय ने माना, भाषा का गिरा है स्तर, नेताओं के लिए भी होनी चाहिए नियमावली

  
Last Updated:  October 31, 2020 " 04:04 pm"

इंदौर : 28 सीटों होने जा रहे उपचुनाव में कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही दलों के नेताओं में आपत्तिजनक बयान देने की मानों होड़ सी मची थी। कमलनाथ के सीएम शिवराज को नालायक कहने के बाद शुरू हुआ ये सिलसिला चारित्रिक हनन की सीमा तक पहुंच गया। महिला नेत्रियों के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई। पत्रकार वार्ता के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने यह मुद्दा भी उठाया। इसपर अवर लाइव इंडिया की ओर से सवाल किया गया कि नेताओं की भाषा बेलगाम न हो, इसके लिए कोई आचार संहिता नहीं होनी चाहिए..? इसपर विजयवर्गीय ने सहमति जताई। उनका मानना था कि विधानसभाओं में भी बहस के दौरान भाषा का स्तर गिरा है। मर्यादाओं का हनन न हो, इसका ध्यान सभी को रखना चाहिए। वे खुद मप्र विधानसभा के स्पीकर से बात करके इस बारे में नियमावली बनाए जाने का आग्रह करेंगे।
आपको बता दें कि खुद विजयवर्गीय ने भी कमलनाथ- दिग्विजय सिंह के लिए चुन्नू- मुन्नू शब्द का इस्तेमाल किया था। चुनाव आयोग ने उसे आचार संहिता उल्लंघन माना है। कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है। उन्होंने इमरती देवी के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया था।

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