🔹 नरेंद्र भाले 🔹
बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए यह मैच जीतना बेहद जरूरी था। कोहली जीते तो उन्हें आगे आसानी होती। उधर हैदराबाद का जीत से संघर्ष आगे भी जारी रहता। यदि आप मात्र 120 रन बना रहे हैं तो वास्तव में कुल्हाड़ी पर पैर मारने जैसा है। क्या थी विराट सेना। फिलिप्पी (32), डिविलियर्स (24) और वाशिंगटन सुंदर (21) शेष जीरो बटे सन्नाटा।
गलतियां तो भरपेट हुई लेकिन उसके लिए अबुझ राशिद खान , नटराजन और जेसन होल्डर की नायाब गेंदबाजी पूरी तरह जिम्मेदार रही। एकमात्र छक्का डिविलियर्स के बल्ले से निकला अन्यथा बाकी के बल्लेबाज तो गेंदें ढूंढते रह गए। जवाब में वाॅर्नर आते ही लौट गए जबकि रिद्धिमान साहा (39) ने लाजवाब छोर संभाला। मनीष पांडे (26) के बाद जेसन होल्डर ने लाँग हैंडल का इस्तेमाल कर 3 छक्के और 1 चौके की मदद से 15 ओवर में ही मैच खत्म कर दिया ।
अब किसी भी सूरत में रॉयल चैलेंजर्स को अंतिम मैच जीतना ही होगा, जबकि दूसरी तरफ हैदराबाद को अंतिम मैच जीतकर भी अन्य मैचों के परिणामों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
दूसरी तरफ दिल्ली कैपिटल्स को मुंबई से अपना मैच जीतकर राह आसान करनी थी लेकिन बल्लेबाजों ने उन्हें फिर से मुंह के बल गिरा दिया।अति- आत्मविश्वास से भरे शिखर धवन खाता भी नहीं खोल पाए जबकि उतावले पृथ्वी शॉ (10) को सब्र के इंजेक्शन की बेहद आवश्यकता है। इसके बाद तो तू चल मैं आया का सिलसिला प्रारंभ हो गया। श्रेयस अय्यर ,ऋषभ पंत, स्टोइनिस, हेटमायर, हर्षल पटेल और अश्विन पहली फुर्सत में डगआउट में जमा हो गए।
धवन- पृथ्वी से पावर प्ले में ट्रेंट बोल्ट ने आगाज किया और बाद में बुमराह ने ग़दर मचाते हुए न केवल 3 शिकार किए बल्कि रबाडा से उनकी पर्पल कैप भी छीन ली। 20 ओवर पश्चात स्कोर बोर्ड 110/9 का मातमी चेहरा लिए खड़ा था। आप लक्ष्य नहीं दे सकते , हासिल भी नहीं कर सकते तो फिर भगवान ही मालिक है आपका। पलटवार में डिकाॅक (26) के बाद ईशान किशन (नाबाद 72) ने गेंदबाजों का 14.1 ओवर में मान्जा सूतते हुए 111/1 (नेल्सन फिगर) से 9 विकेट से दिल्ली को ध्वस्त कर दिया। इस जीत से मुंबई के हौसले बुलंद हो गए और अब दिल्ली को अपना अंतिम मैच हर हाल में जीतना होगा अन्यथा दूसरे मैचों के परिणाम भी उन्हें तकलीफ देने में कारगर सिद्ध होंगे। 8 अंकों के साथ मुंबई का नेट रन रेट +1.30 उनके लिए किसी बोनस से कम नहीं है। नेट रन रेट के मामले में अन्य टीमें फिसड्डी साबित हुई है।