इंदौर : खेल रत्न पुरस्कार को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का नाम देकर पीएम मोदी ने बेहद सराहनीय काम किया है। अचरज तो इस बात का है कि यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति के नाम पर क्यों था जिसका हॉकी से कोई सरोकार नहीं रहा।
ये बात प्रदेश के गृह और इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कही। वे शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
जिन्होंने कभी हॉकी नहीं पकड़ी, उनके नाम पर पुरस्कार क्यो..?
प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खेलरत्न पुरस्कार से जुड़े सवाल पर कांग्रेस व गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि राजीव गांधी ने कभी हाथों में हॉकी नहीं पकड़ी, उनका नाम खेलरत्न पुरस्कार को दिया जाना ही समझ के परे है। यह केवल एक परिवार की स्तुति के लिए था। हमारे बुंदेलखंड से ताल्लुक रखने वाले मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी का नाम इस पुरस्कार को देकर सही मायने में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है।
बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने गया था।
हेलीकॉप्टर से लटके हुए अपने वायरल वीडियो के बारे में सफाई पेश करते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए उन्हें कुछ लोगों के नदी की तेज धारा में फंसे होने की जानकारी मिली थी। जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें बचाना उनका फर्ज था। कोई और हिम्मत नहीं कर रहा था इसलिए वे नाव के जरिए उन्हें रेस्क्यू करने गए थे। नाव खराब होने से हेलीकॉप्टर के जरिए पहले बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला गया, बाद में वे खुद वहां से निकले।