भोपाल: शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए क्षिप्रा में पानी का इंतजाम नहीं किये जाने का खामियाजा उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह को भुगतना पड़ा है। प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए मनीष सिंह को हटा दिया। उनकी जगह शशांक मिश्रा को कलेक्टर बनाया गया है। मनीष सिंह को मंत्रालय में अटैच किया गया है। उज्जैन कमिश्नर एसबी ओझा का भी तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह अजितकुमार नए कमिश्नर बनाए गए हैं। आपको बता दें कि शनिश्चरी अमावस{ 5 जनवरी } को क्षिप्रा में डुबकी लगाने पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं को नदी सुखी होने से स्नान से वंचित रहना पड़ा था। यहां तक कि फव्वारे से नहाने की वैकल्पिक व्यवस्था भी प्रशासन नहीं कर पाया था। श्रद्धालुओं की नाराजगी के साथ ही इसपर सियासत भी गरमा गई थी। इस बात को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने सीएस मोहंती को जांच का आदेश देने के साथ आगे से ऐसी चूक ना हो इस बात की भी हिदायत दी थी। सीएम कमलनाथ ने कहा था कि आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके कड़े रुख को देखते हुए ही मनीष सिंह व एसबी ओझा को कलेक्टर और कमिश्नर पद से हटा दिया गया। ओझा को भी मंत्रालय में पदस्थ किया गया है।
इंदौर को दो बार बनाया था नंबर वन।
मनीष सिंह ने निगमायुक्त रहते इंदौर को 2 बार स्वच्छता सर्वक्षण में देशभर में नम्बर वन बनाया था। वे सख्त प्रशासक माने जाते थे। उज्जैन कलेक्टर के रूप में महाकाल मंदिर परिसर को अतिक्रमण से मुक्त करवाने की भी पहल उन्होंने की थी। दुर्भाग्य से एक गंभीर चूक उन्हें महंगी पड़ गई।