इंदौर : खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू का कहना है कि, ग्रेटर बृजेश्वरी में जिस तरह की कार्रवाई नगर निगम ने की वह स्वागत योग्य है, लेकिन यह इच्छा शक्ति पूरे शहर व पूरी बृजेश्वरी कॉलोनी को लेकर दिखाई जानी चाहिए। ग्रीन बेल्ट ,बगीचों और नजूल की जमीनों पर कब्ज़े हटाने की शुरुआत बगैर भेदभाव के सख्ती से हो। जिन अधिकारियों ने नक्शे पास किए, जिनके संरक्षण में निर्माण अबाध चलता रहा उन पर भी कार्रवाई हो गुरुवार को हुई कार्रवाई के असली अपराधी ग्रेटर बृजेश्वरी कॉलोनी के कॉलोनाइजर हैं जिन्होंने ग्रीन बेल्ट ,बगीचे की जमीनों की रजिस्ट्री कर दी। जिन्होंने निगम में कॉलोनी सेल से संगनमत होकर नक्शे में फेरबदल का आपराधिक कृत्य किया, उन पर कड़ी कार्रवाई हो।
वर्तमान बिल्डिंग अधिकारी ग़ज़ल खन्ना को निर्माण होने,तोड़ने में लापरवाही बरतने पर तुरंत निलंबित करना चाहिए।
ग्रेटर बृजेश्वरी कॉलोनी में पहले भी बिना नक्शे के और ग्रीन बेल्ट पर निर्माण पर निगम ने नोटिस दिए, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं की गई।
इसी कॉलोनी के बड़े मॉल के अवैध निर्माण को सील कर दिया, पर जेसीबी क्यों नहीं चली?
आज भी कॉलोनी के अनेक रहवासियों पर निगम में कॉलोनाइजर के नक्शे में फेरबदल के कारण तलवार लटकी रहती है,छोटे प्लाट होल्डर का संरक्षण, निगम को कॉलोनाइजर पर कार्रवाई करके करना चाहिए।
जिस निर्माण को तोड़ा गया उस प्लॉट की रजिस्ट्री कैसे हुई?नक्शा कैसे पास व रिन्युअल हुआ?बाकि ग्रीन बेल्ट,बगीचे की भूमि पर निर्माण को ध्वस्त क्यों नहीं किए जा रहे?
जिस निर्माण को तोड़ा गया उस नोटिस में उन्हें क्यों नहीं बताया कि यह इसलिए अवैध है कि यह नजूल भूमि और ग्रीन बेल्ट पर है?
इसी तरह बायपास के कंट्रोल एरिया पर अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई क्यों स्थगित कर दी गई।
श्री मालू ने इस सम्बंध में आयुक्त, प्रशासक, मुख्यमंत्री,नगरीय प्रशासन मंत्री को पत्र भी लिखा है।